नए कानूनों पर खड़गे का वार, बोले 'बुलडोजर न्याय नहीं चलने देंगे'

allikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार (1 जुलाई) को कहा कि सांसदों को निलंबित कर जबरन आपराधिक कानून पारित कराया गया. उन्होंने कहा कि INDIA गठबंधन संसदीय प्रणाली पर न्याय का बुलडोजर नहीं चलने देगा. कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला है और कहा है कि पीएम मोदी और बीजेपी के लोग इन दिनों संविधान का सम्मान करने का दिखावा कर रहे हैं.

JBT Desk
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Mallikarjun Kharge: सोमवार को नए आपराधिक कानून लागू होते ही विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला. विपक्ष ने सरकार पर सांसदों को निलंबित करके जबरन कानून पारित करने का आरोप लगाया और दावा किया कि कानूनों के प्रमुख हिस्से "कट, कॉपी और पेस्ट का काम" हैं. पिछले दिसंबर में संसद में पारित भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की विपक्षी नेताओं ने आलोचना की है, जिनका दावा है कि उन्हें पर्याप्त चर्चा और बहस के बिना संसद में पेश किया गया. 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि "चुनाव में राजनीतिक और नैतिक झटके के बाद, मोदी जी और भाजपा संविधान का सम्मान करने का दिखावा कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि आज से लागू होने वाले आपराधिक न्याय प्रणाली के तीन कानून 146 सांसदों को निलंबित करके जबरन पारित किए गए थे.''

'बुलडोजर न्याय'

उन्होंने कहा, ''INDIA अब इस 'बुलडोजर जस्टिस' को संसदीय प्रणाली पर चलने नहीं देगा.'' खरगे ने उस संसद के शीतकालीन सत्र का जिक्र किया, जिसमें दोनों सदनों में लगभग दो-तिहाई विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया था. संसद सुरक्षा उल्लंघन के खिलाफ विपक्ष के विरोध के बीच बड़े पैमाने पर निलंबन हुआ. 

कट, कॉपी और पेस्ट का काम- चिदंबरम 

इसके अलावा कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने आरोप लगाया कि ''90-99 प्रतिशत नए कानून "कट, कॉपी और पेस्ट का काम" हैं, और सरकार मौजूदा कानूनों में कुछ संशोधनों के साथ समान परिणाम प्राप्त कर सकती थी. 

चिदंबरम ने कहा, "हां, नए कानूनों में कुछ सुधार हैं और हमने उनका स्वागत किया है. उन्हें संशोधन के रूप में पेश किया जा सकता था." चिदंबरम ने सांसदों, कानून विद्वानों और वकीलों द्वारा उठाई गई आलोचनाओं को संबोधित नहीं करने और संसद में सार्थक बहस नहीं करने के लिए भी सरकार की आलोचना की. इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस सांसद सागरिका घोष ने भी नए कानूनों के बारे में चिंता व्यक्त की. 

नए आपराधिक कानून भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव लाएंगे और औपनिवेशिक युग के कानूनों को समाप्त करेंगे. भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ब्रिटिश-युग की भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे. 

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01 July 2024, 11:06 AM IST

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