
ममता बनर्जी के भाषण में बवाल, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के छात्रों ने पूछे तीखे सवाल, जवाब में 'दीदी' ने दिखाई 1990 की तस्वीर
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के केलॉग कॉलेज में भाषण के दौरान विरोध और नारेबाजी का सामना करना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने उनसे निवेश योजनाओं, बंगाल में कानून-व्यवस्था और अन्य विवादित मुद्दों पर तीखे सवाल किए. जब माहौल गरमाने लगा, तो ममता बनर्जी ने 1990 के दशक की अपनी एक तस्वीर दिखाई, जिसमें उनके सिर पर पट्टी बंधी हुई थी.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के केलॉग कॉलेज में अपने संबोधन के दौरान विरोध और नारेबाजी का सामना करना पड़ा. जब प्रदर्शनकारियों ने उनके भाषण को बाधित किया, तो उन्होंने अपने संघर्षों को याद दिलाते हुए 1990 के दशक की एक तस्वीर दिखाई, जिसमें वे सिर पर पट्टी बांधे हुए थी. उन्होंने इसे अपने खिलाफ हुई हत्या के प्रयास का प्रमाण बताया.
कार्यक्रम के दौरान जब उन्होंने बंगाल में विकास और निवेश के अवसरों पर बात करनी शुरू की, तो एक श्रोता ने उनसे लाखों करोड़ के निवेश प्रस्तावों का स्पष्ट विवरण देने को कहा. जैसे ही उन्होंने जवाब देना शुरू किया, अन्य लोगों ने उस व्यक्ति को रोकने की कोशिश की और कहा कि यह कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं है. लेकिन माहौल तब और गरमा गया जब उनसे कोलकाता के आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुए बलात्कार और हत्या मामले पर सवाल पूछा गया.
विवाद के बीच ममता बनर्जी की तीखी प्रतिक्रिया
प्रदर्शनकारियों के सवालों के जवाब में ममता बनर्जी ने कहा, "यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और केंद्र सरकार के अधीन है. यहां राजनीति मत करो. तुम झूठ बोल रहे हो. यह कोई राजनीतिक मंच नहीं है." उन्होंने विरोध कर रहे लोगों को राजनीतिक एजेंडा चलाने का आरोप लगाया और कहा, "तुम पहले बंगाल जाओ और अपनी पार्टी को मजबूत करो, फिर मुझसे सवाल पूछो." जैसे-जैसे विरोध बढ़ा, किसी ने बंगाल में हिंदुओं के हालात पर सवाल उठा दिया. इस पर बनर्जी ने कहा, "मैं सभी के लिए हूं, हिंदू और मुस्लिम दोनों के लिए." लेकिन इसके बावजूद सभा में "गो बैक" के नारे गूंजने लगे.
Bengali Hindus confront West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee at Kellogg College in London, raising angry slogans calling her out for the rape and murder of the lady doctor at RG Kar, crimes against women in Sandeshkhali, the genocide of Hindus, and widespread corruption… pic.twitter.com/eT6JlOWYyZ
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 27, 2025
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI-UK) के सदस्यों का विरोध
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI-UK) के सदस्यों ने किया. इस वामपंथी छात्र संगठन ने बनर्जी और उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार और लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने का आरोप लगाया. ममता बनर्जी ने मंच से विरोध करने वालों को फटकार लगाते हुए कहा, "मुझे बोलने का मौका दो. तुम मेरा अपमान नहीं कर रहे, बल्कि अपने संस्थान का सम्मान कम कर रहे हो." उन्होंने प्रदर्शनकारियों को "अति-वामपंथी और सांप्रदायिक मित्र" बताते हुए आरोप लगाया कि जहां भी वह जाती हैं, ऐसे प्रदर्शन किए जाते हैं.
1990 के हमले की तस्वीर दिखाकर दिया जवाब
सभा में माहौल और गर्म होते देख बनर्जी ने मंच से 1990 के दशक की एक पुरानी तस्वीर निकाल ली, जिसमें उनका सिर पट्टियों से बंधा हुआ था. इसे दिखाते हुए उन्होंने कहा, "पहले मेरी यह तस्वीर देखो, मुझ पर हत्या का प्रयास किया गया था." इसके बाद जब उनसे टाटा ग्रुप के बंगाल से बाहर जाने पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने फिर अपनी तस्वीर की ओर इशारा कर अपने संघर्षों की याद दिलाई.
ममता बनर्जी ने विरोध को किया खारिज
विरोध के बावजूद ममता बनर्जी अपने अंदाज में डटी रही. जब उनसे भारत की आर्थिक स्थिति पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "अगर वैश्विक आर्थिक संकट बना रहेगा, तो भारत कैसे आगे बढ़ेगा? लेकिन हमें उम्मीद बनाए रखनी होगी." कार्यक्रम के बाद, SFI-UK ने एक बयान जारी कर कहा कि उन्होंने बनर्जी के "भ्रष्ट और अलोकतांत्रिक शासन" के खिलाफ प्रदर्शन किया. संगठन ने राज्य में छह साल से छात्र चुनाव नहीं होने, स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों की बढ़ती संख्या और जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्र विरोध को दबाने जैसे मुद्दों पर सवाल उठाया.
लेकिन इन सबके बावजूद, ममता बनर्जी ने विरोध को कोई महत्व नहीं दिया और कहा, "दीदी पर कोई असर नहीं पड़ता. दीदी हर साल दो बार आएगी और शेरनी की तरह लड़ेगी." अपनी स्पीच खत्म करते हुए उन्होंने कहा, "अगर तुम कहोगे तो मैं तुम्हारे कपड़े धो दूंगी, तुम्हारे लिए खाना बना दूंगी. लेकिन अगर तुम मुझसे सिर झुकाने के लिए कहोगे, तो यह मुझसे नहीं होगा. मैं केवल जनता के आगे सिर झुकाऊंगी."