Mamata Banerjee Writes To PM Modi: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते केंद्र सरकार बंगाली भाषा को आधिकारिक तौर पर शास्त्रीय भाषा के रूप में सूचीबद्ध करने की मांग की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर उनकी राज्य टीम ने यह स्थापित किया है कि बंगाली की उत्पत्ति 2.5 हजार साल पहले हुई थी. इस दौरान सीएम ममता बनर्जी ने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है. हमने शोध किया है और वैज्ञानिक तथ्यों को इकट्ठा किया है जो बताते हैं कि बंगाली भाषा की उत्पत्ति पिछले 2.5 हजार वर्षों में हुई है.
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकता में गुरुवार, (11 जनवरी) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता ने कहा कि हमें लगता है कि बंगाली भाषा को सरकार द्वारा शास्त्रीय भाषा के रूप में वर्गीकृत किए जाने की जरूरत है." उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने केंद्र को वैज्ञानिक साक्ष्य के "चार भारी खंड" भेजे हैं, जो यह सपष्ट करते हैं कि बंगाली एक प्राचीन भाषा है.
भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ने कहा कि केंद्र सरकार ने कई भाषाओं को एक शास्त्रीय भाषा की मान्यता दी है, लेकिन उन्होंने बंगाली को उस सम्मान से वंचित कर दिया है, 2.5 हजार साल कोई मजाक नहीं है." केंद्र सरकार से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि जब विभिन्न राज्यों की भाषाओं को 'शास्त्रीय' भाषाओं के रूप में मान्यता दी जाती है तो बंगाली भाषा को उसी स्तर की मान्यता क्यों नहीं दी जा सकती?
केंद्र सरकार से सवाल करते हुए ममता बनर्जी ने आगे कहा कि "बंगाली भाषा को पहले से ही एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है. यदि अन्य राज्यों की भाषाओं को शास्त्रीय भाषाओं के रूप में अधिसूचित किया जाता है, तो हमारी भाषा को क्यों नहीं?"
केंद्र के साथ-साथ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) सरकार पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा, "जो लोग पहले सरकार में थे, उन्होंने इसके बारे में नहीं सोचा था और इस पर चर्चा नहीं की थी. उन्होंने अपने राज्य के भाषा के लिए किसी भी तरह का दिलचस्पी नहीं दिखाया था. बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि बांग्ला को शास्त्रीय भाषा की मान्यता मिले तो राज्य में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जायेगा. First Updated : Thursday, 11 January 2024