हिंसा के बाद एक्शन में ममता, मई के पहले हफ्ते में करेंगी मुर्शिदाबाद का दौरा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मई के पहले सप्ताह में मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगी. वक्फ अधिनियम के विरोध में भड़की हिंसा में कई लोग घायल हुए. राज्यपाल पहले ही दौरा कर चुके हैं. विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा और न्यायिक जांच की मांग की है.

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में भड़की हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. इस हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोगों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा है. इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि वह मई के पहले सप्ताह में हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगी.
एक सरकारी कार्यक्रम में बोलते हुए ममता ने कहा कि उन्हें पीड़ितों से मिलना है और हालात का जायजा लेना है. वहीं, इससे पहले राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री की सलाह को नजरअंदाज करते हुए मुर्शिदाबाद का दौरा किया था. उन्होंने वहां पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उनकी परेशानियों को सुना. राज्यपाल ने कहा कि लोग सबसे पहले सुरक्षा चाहते हैं और वे केंद्र और राज्य दोनों से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि जरूरी कदम उठाए जाएंगे और पीड़ितों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा.
तीन मौतों के बाद ममता का ऐलान
हिंसा केवल मुर्शिदाबाद तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिलों तक फैल गई. इन इलाकों में आगजनी, पथराव और सड़क जाम की घटनाएं सामने आईं. इसके चलते राजनीतिक माहौल गरमा गया है और इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस व विपक्षी पार्टियों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है.
हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचेंगी मई में
भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर आरोप लगाया कि वह कानून व्यवस्था बनाए रखने में असफल रही है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम बहुल इलाकों में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है. भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया और दावा किया कि पुलिस रिपोर्ट यह साबित करती है कि हिंसा में बाहरी तत्व शामिल नहीं थे, जैसा कि ममता सरकार कह रही है.
घटनाक्रम की न्यायिक जांच की मांग
इस बीच माकपा ने इस पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच की मांग की है. पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कोलकाता में एक रैली के दौरान कहा कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों ही जनता का ध्यान बेरोजगारी, महंगाई जैसे असली मुद्दों से भटकाने के लिए सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दे रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों दल आगामी 2026 विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने की साजिश कर रहे हैं. इस तरह मुर्शिदाबाद की हिंसा अब केवल कानून व्यवस्था का मुद्दा न रहकर, एक बड़ा राजनीतिक मसला बन चुकी है, जिसे लेकर पश्चिम बंगाल की राजनीति में हलचल तेज हो गई है.


