हार नहीं पचा पा रही मेनका गांधी या सच में हुआ घपला? HC में चुनाव को चैलेंज
Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव में सुल्तानपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की पूर्व सांसद मेनका गांधी ने सीट लड़ी थी उनको समाजवादी पार्टी के सांसद राम भुआल ने चुनौती दी थी. इस चुनाव में मेनका गांधी को हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में एक याचिका दायर कर समाजवादी पार्टी के सांसद राम भुआल निषाद के निर्वाचन को चुनौती दी है.
Lok Sabha Chunav 2024: भाजपा की पूर्व सांसद मेनका गांधी ने सुल्तानपुर से नवनिर्वाचित सपा सांसद राम भुआल निषाद के निर्वाचन को चुनाव याचिका के जरिए हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी है. शनिवार को कोर्ट की रजिस्ट्री में दाखिल याचिका पर 30 जुलाई को सुनवाई हो सकती है. याचिका में मेनका गांधी ने कहा है कि उनके खिलाफ कई मुकदमे दायर हैं.
उन्होंने कहा राम भुआल निषाद ने नामांकन के समय दाखिल शपथ पत्र में अपने आपराधिक इतिहास से संबंधित कई जानकारियां छुपाई थीं. दलील दी गई कि राम भुआल पर 12 आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं जबकि उन्होंने अपने शपथ पत्र में मात्र 8 केसों का जिक्र किया था.
30 जुलाई को सुनवाई
मेनका गांधी ने याचिका में कहा गया है कि गोरखपुर पिपराइच थाने के 2 और बड़हलगंज थाने के 3 आपराधिक मुकदमों की जानकारी राम भुआल ने नहीं दी है. याचिका में राम भुआल निषाद का निर्वाचन रद्द कर मेनका गांधी को निर्वाचित घोषित करने की मांग की गई है. बता दें कि मेनका गांधी हालिया लोकसभा चुनाव में राम भुआल निषाद से 43 हजार 174 मतों के अंतर से हार गई थी. उन्होंने शनिवार को अदालत की रजिस्ट्री में चुनाव याचिका दायर की है, जिस पर 30 जुलाई को सुनवाई हो सकती है.
इस वजह से हुई हार
मेनका गांधी ने अपने राजनीतिक इतिहास में पहली बार हार का सामना किया है. जातियों के समीकरण में सुल्तानपुर सीट हमेशा ही उलझी रही है. यही वजह है कि यहां डीबी राय को छोड़कर कोई दूसरी बार सांसद नहीं बन सका. सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर जीतने वाली समाजवादी पार्टी जातीय समीकरण साधने में सफल रही. पिछड़ा वर्ग के निषाद समुदाय के प्रत्याशी रामभुआल पर भरोसा जताया.
सुलतानपुर सीट पर निषाद समुदाय के करीब दो लाख वोटर हैं, जिन्होंने साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में ज्यादा से ज्यादा मतदान किया था. जिसका नतीजा रहा कि लगातार दो बार बीजेपी से सांसद चुने गए. अबकी बार पिछड़ा वर्ग और निषाद समुदाय को साधने के लिए ही गठबंधन से सपा ने इस सीट का रामभुआल निषाद को प्रत्याशी बनाया था.