मणिपुर: 200 रुपये लीटर तक बिक रहा पेट्रोल, जरूरी समानों के दाम भी छू रहे आसमान
मणिपुर हिंसा के बाद लोगों की परेशानियां बढ़ती दिख रही है। राज्य में पेट्रोल के दाम लगातार आसमान छू रहे है। वहीं जरूरतों की चीजों के लिए भी लोगों को काफी संघर्ष करना पड़ रहा है।
मणिपुर हिंसा के बाद लोगों के सामने बड़ी परेशानी पैदा हो गई है। राज्य में लोगों को जरूरी चीजों के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है। हाईवे बंद होने की वजह से मूलभूत चीजों की आपूर्ति करने में दिक्कते आ रही है। आलम यह है कि राज्य में पेट्रोल 200 प्रति लीटर तक बिक रहा है। इसके अलावा मेडिकल उपकरणों और दवाओं की भी कमी हुई।
मणिपुर हिंसा के बाद बीते कई दिनों से जरूरी दवाईयां अन्य चीजें उपलब्ध नहीं हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एटीएम मशीन में पैसे नहीं है, इस वजह से लोग पैसे भी नहीं निकाल पा रहे है। वहीं जिन पेट्रोल पंप पर पेट्रोल है वहां लोगों की लंबी—लंबी कतारें लगी हुई है।इस वजह से पेट्रोल ब्लैक में बिक रहा है। रिपोर्ट की माने तो पेट्रोल 200 प्रति लीटर तक बिक रहा है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने रविवार को मणिपुर हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्यीय आयोग का गठन कर दिया है। गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय लांबा की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया गया है। इसमें रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर दास और पूर्व आईपीएस अधिकारी आलोक प्रभाकर भी जांच आयोग में शामिल है। आयोग ने हिंसा की जांच भी शुरू कर दी है।
खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य में चावल, अंडे, रिफाइंड, तेल जैसे खाद्य पदार्थों की कीमत आसमान छू रही है। रिपोर्ट की माने तो राज्य में जो चावल पहले 30 रूपये में मिल रहा था अब उसकी कीमत बढ़कर 60 रूपये किलोग्राम तक पहुंच गई। वहीं 35 रुपये से बढ़कर 70 रुपये किलोग्राम तक पहुंच गई। आलू के दाम 40 रूपये किलोग्राम तक पहुंच गए है।
मणिपुर में भड़क थी हिंसा
गौरतलब हो कि मणिपुर में मैतई और कुकी समुदाय के बीच भड़की हिंसा में सैकड़ों लोगों की जाने चली गई। जबकि कई लोग घायल हुए थे। इस हिंसा ने पूरी तरह से राज्य की तस्वीर बदल कर रख दी है। राज्य में खाद्य आपूर्ति की कमी पैदा हो गई। हाईवे ब्लाक होने से वाहनों आवाजाही में बाधा पैदा हो रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे इंफाल-दीमापुर NH-2 हाईवे पर लगे अवरोधों को हटा लें। सरकार के मुताबिक, हिंसा में 98 लोगों की मौत हुई है जबकि 310 लोग इसमें घायल हुए है।