मणिपुर: 6 शव मिलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने MLA के घरों को किया क्षतिग्रस्त, इम्फाल घाटी में कर्फ्यू लागू

मणिपुर में जातीय संघर्ष एक बार फिर उग्र हो गया है, जिससे राज्य में हिंसा और प्रदर्शनों का सिलसिला तेज हो गया है. हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. यह संघर्ष मुख्य रूप से मेइती और कुकी समुदायों के बीच चल रहा है, जिसके कारण नागरिकों की जान-माल को खतरा उत्पन्न हो गया है. स्थिति के नियंत्रण में आने के लिए प्रशासन सक्रिय प्रयास कर रहा है.

Lalit Sharma
Lalit Sharma

मणिपुर. उग्र प्रदर्शन के बीच मणिपुर की स्थिति और भी बिगड़ गई है. इंफाल घाटी में छह शव मिलने के बाद हिंसा फैल गई, जिसके कारण कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. यह हिंसा जातीय संघर्ष की आग में घी डालने का काम कर रही है, और राज्य सरकार के लिए हालात को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण हो गया है. शांति बहाल करने के प्रयास जारी हैं, साथ ही सुरक्षा बलों की तैनाती भी की गई है.

मणिपुर में जारी अशांति ने शनिवार को गंभीर रूप ले लिया, खासकर जिरीबाम क्षेत्र में। यहां छह लोगों के शव बरामद होने के बाद, जिनमें बच्चे भी शामिल थे, हालात और बिगड़ गए. यह घटना उस समय सामने आई जब कुछ दिन पहले ही इस क्षेत्र में एक मुठभेड़ में 11 उग्रवादी मारे गए थे.

सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी, विधायकों के घरों पर हमला

गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कई क्षेत्रों में प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद और अन्य विधायकों के घरों को निशाना बनाया. इम्फाल घाटी के कई इलाकों में महिलाओं सहित बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। वहीं, सगोलबंद क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी विधायक आर.के. इमो के घर के सामने प्रदर्शन किया और "उचित कार्रवाई" की मांग करते हुए उनके घर को आग के हवाले कर दिया.

सरकार की अपील और इंटरनेट सेवाएं निलंबित

मणिपुर सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से अपील की है कि राज्य के छह थाना क्षेत्रों से अफस्पा (आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट) हटाया जाए. इस बीच, हिंसा के कारण इम्फाल पश्चिम, इम्फाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया.

6 छह शव मिलने से बढ़ा आक्रोश

शुक्रवार रात और शनिवार को जिरीबाम जिले के बराक नदी से छह शव बरामद किए गए. इनमें दो महिलाएं और तीन बच्चे शामिल थे, जो एक विस्थापित शिविर से लापता थे. शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसएमसीएच), असम भेजा गया.

24 घंटे का अल्टीमेटम

कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी (COCOMI) ने सरकार को 24 घंटे के भीतर सशस्त्र उग्रवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. समिति के प्रवक्ता खुरैजम अथौबा ने कहा, "यदि सरकार जनता को संतुष्ट करने वाले कदम नहीं उठाती, तो उसे लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा.

गृह मंत्रालय की सख्ती

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि मणिपुर में सुरक्षा स्थिति नाजुक बनी हुई है. मंत्रालय ने कहा, "सशस्त्र उपद्रवी हिंसा में लिप्त हो रहे हैं, जिससे जानमाल का नुकसान और सार्वजनिक व्यवस्था भंग हो रही है।" मंत्रालय ने महत्वपूर्ण मामलों की जांच एनआईए को सौंपने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया.

मंत्री और विधायकों के घर बने निशाना

प्रदर्शनकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री सपम रंजन के आवास और उपभोक्ता मामलों के मंत्री ल सुसिंद्रो सिंह के घर पर हमला किया. वहीं, राजभवन और मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए. राज्य प्रशासन ने इम्फाल पूर्व और पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है. सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया है.

स्थिति नियंत्रण से बाहर?

स्थिति अब सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है. स्थानीय समूहों और आम जनता का गुस्सा तेजी से बढ़ रहा है. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि दोषियों को गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए. मणिपुर में मौजूदा अशांति राज्य और केंद्र सरकार दोनों के लिए गंभीर चुनौती है. इस हिंसा को रोकने और शांति स्थापित करने के लिए तत्काल और निर्णायक कदम उठाने की जरूरत है. अफस्पा हटाने की मांग और उग्रवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर सरकार का फैसला अब मणिपुर के भविष्य को तय करेगा.

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17 November 2024, 09:20 PM IST

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