Manipur Violence: गृह मंत्रालय ने जांच के लिए तीन सदस्यीय आयोग का किया गठन
केंद्र सरकार ने मणिपुर हिंसा की जांच के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय लांबा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया।
केंद्रीय गृह मंत्रायल ने मणिपुर हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय लांबा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। जानकारी के मुताबिक, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर दास और पूर्व आईपीएस अधिकारी आलोक प्रभाकर भी जांच आयोग में शामिल है।
मणिपुर हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग की टीम ने अपना काम शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि छह महीने के भीतर ये टीम केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति सबूतों के आधार पर आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों से अपील भी की है।
जांच आयोग हिंसा की हर प्रकार से गहन जांच करेगा। ताकि यह पता लगाया जा सके कि हिंसा किन आधार पर और किन परिस्थितियों को लेकर भड़की थी। कैसे-कैसे हालात बेकाबू होते गए और कौन-कौन लोग इसमें शामिल थे। इसके साथ ही हिंसा के दौरान जिन सरकारी कर्मचारियों की मौजूदगी थी उन्होंने हिंसा को रोकने के लिए किस तरह की कार्रवाई की। वहीं सबसे जरूरी राज्य में इस हिंसा के पीछे का क्या मकसद था। बता दें कि आयोग का हेड क्वार्टर राजधानी इंफाम में होगा।आयोग का हेड क्वार्टर इंफाल में होगा।
अमित शाह ने की अपील
केंद्र सरकार ने मणिपुर हिंसा की जांच के लिए आयोग कर गठन कर दिया है। वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे इंफाल-दीमापुर NH-2 हाईवे पर लगे अवरोधों को हटा लें। बता दें कि अवरोधों की वजह से सुरक्षा बलों और पुलिसकर्मियों की आवाजाही में बाधा हो रही है।