Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में शुक्रवार को भी सरकार और विपक्ष बीच जमकर नारेबाजी और हंगामा हुआ. इस वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही 31 जुलाई तक के लिए स्थागित कर दी गई. इस बीच मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के कम से कम 20 सांसद शनिवार यानि आज मणिपुर जाएंगे. विपक्षी सांसद पिछले करीब तीन महीने से हिंसा से जूझ रहे मणिपुर का दौरा करेंगे. मणिपुर से लौटने के बाद ये नेता संसद में मणिपुर की समस्या के समाधान को लेकर सरकार से सिफारिश करेंगे.
दरअसल, राज्य सरकार द्वारा विपक्षी सांसदों को मणिपुर दौरे की अनुमति नहीं मिली है. ऐसे में माना जा रहा है कि इन सभी नेताओं को एयरपोर्ट पर ही रोका जा सकता है.
मणिपुर का दौरा करने वाले सांसदों में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, फूलो देवी नेताम, सुष्मिता देव (टीएमसी), महुआ माझी (जेएमएम), कनिमोझी (डीएमके), मोहम्मद फैजल (एनसीपी), जयंत चौधरी (आरएलडी), मनोज कुमार झा (आरजेडी), एनके प्रेमचंद्रन (आरएसपी), टी थिरुमावलन (वीसीके), राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह (जेडीयू), अनील प्रसाद हेगड़े (जेडीयू), एए रहीम (सीपीआई-एम), संतोष कुमार (सीपीआई), जावेद अली खान (सपा), ईटी मोहम्मद बशीर (आईएमएल), सुशील गुप्ता (आप), अरविंद सावंत शिवसेना (उद्धव गुट), डी रविकुमार (डीएमके) शामिल है.
मणिपुर हिंसा को लेकर कुकी-जो फोरम ने शुक्रवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन करने वाली महिलाओं ने मणिपुर के पर्वतीय क्षेत्रों और जिलों में रहने वाली आदिवासी आबादी के लिए अलग प्रशासन की मांग की. साथ ही हिंसाग्रस्त मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की है. प्रर्दशन कर रही कुछ महिलाओं ने अलग तरह की टी-शर्ट पहनी हुई थी, जिस पर लिखा था, ''अलग प्रशासन ही एकमात्र समाधान है.''
समाचार एजेंसी के मुताबिक, मणिपुर पुलिस बर्बरता की शिकार दो महिलाओं के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया में है. अधिकारियों ने कहा कि एक हमारी टीम ने परिवार के सदस्यों के साथ-साथ दोनों महिलाओं से मुलाकात की है. दोनों महिलाओं के बयान दर्ज करने की प्रकिया शुरू हो गई है. सीबीआई की टीम बेहद नाजुक हालातों में इस मामले की जांच कर रही है. First Updated : Saturday, 29 July 2023