Mann Ki Baat 100 Episodes : मुद्दे उठते रहे, जनआंदोलन बनते रहे : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि मन की बात की 100वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए कहा कि मन की बात में जिन लोगों का जिक्र किया जाता है वह सब हमारे हीरो हैं।
हाइलाइट
- मन की बात की 100वीं कड़ी में मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद परिस्थितियों की विवशता के कारण जनता से कट जाने की चुनौती थी, लेकिन मन की बात ने इसका समाधान दिया।
- प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने तीन अक्टूबर 2014 को मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात की 100वीं कड़ी में कहा कि मन की बात में जिन लोगों का जिक्र किया जाता है वह सब हमारे हीरो हैं। आज जब हम 100वें एपिसोड के पड़ाव पर पहुंचे हैं, तो मेरी ये भी इच्छा है कि हम एक बार फिर इन सारे हीरो के पास जाकर उनकी यात्रा के बारे में जानें। मोदी ने कहा कि मन की बात में उठे मुद्दे जनआंदोलन बने हैं।
देश के आम लोगों के बीच जाने का मौका
प्रधानमंत्री ने कहा कि मन की बात के जरिए उन्होंने जनता से जुड़े जो भी मुद्दे उठाए, वे सब जन आंदोलन बने। इन मुद्दों से लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। मन की बात के जरिए देश के आम लोगों से जुड़ने का मौका मिला। प्रधानमंत्री ने कहा मेरे लिए मन की बात की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि हर बार मुझे नये नये उदाहरणों की नवीनता, हर बार देशवासियों की नई सफलताओं का विस्तार देखने को मिला। मन की बात में देश के कोने-कोने से लोग जुड़े, हर आयु-वर्ग के लोग जुड़े। बेटी-बचाओ बेटी-पढ़ाओ की बात हो, स्वच्छ भारत आन्दोलन हो, खादी के प्रति प्रेम हो या प्रकृति की बात, आजादी का अमृत महोत्सव हो या फिर अमृत सरोवर की बात हो, मन की बात के जरिये ये सभी जनआंदोलन बने। मोदी ने कहा जब मैंने, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ साझा मन की बात की थी तो इसकी चर्चा पूरे विश्व में हुई थी।
मैं मन की बात करते हुए भावुक हुआ
प्रधानमंत्री मोदी ने भावुक होते हुए कहा कि कोई देशवासी 40-40 साल से निर्जन पहाड़ी और बंजर जमीन पर पेड़ लगा रहा है, कितने ही लोग 30-30 साल से जल-संरक्षण के लिए बावड़ियां और तालाब बना रहे हैं, उसकी साफ़-सफाई कर रहे हैं। कोई 25-30 साल से निर्धन बच्चों को पढ़ा रहा है, कोई गरीबों की इलाज में मदद कर रहा है। मन की बात में इन अच्छे कार्यों का जिक्र करते हुए मैं भावुक हुआ हूं। उन्होंने कहा कि मन की बात से कई जन आंदोलन ने जन्म लिया। खिलौना उद्योग को फिर से स्थापित करने का मिशन, भारतीय नस्ल के श्वान यानी हमारे देशी डॉग्स को लेकर जागरूकता बढ़ाने की शुरुआत भी तो मन की बात से ही की थी। मोदी ने कहा कि हमने एक और मुहिम शुरू की थी कि हम ग़रीब छोटे दुकानदारों से मोलभाव नहीं करेंगे, झगड़ा नहीं करेंगे।
'Mann Ki Baat' is an excellent platform for spreading positivity and recognising the grassroot changemakers. Do hear #MannKiBaat100! https://t.co/aFXPM1RyKF
— Narendra Modi (@narendramodi) April 30, 2023
सुनील जागलान और मंजूर अहमद का किया जिक्र
मोदी ने मन की बात के पुराने एपिसोड का जिक्र करते हुए कहा हरियाणा के सुनील जगलान का मेरे मन पर इतना प्रभाव इसलिए पड़ा क्योंकि हरियाणा में लिंगानुपात पर काफी चर्चा होती थी और मैंने भी ‘बेटी बचाओ-बेटी पढाओ’ का अभियान हरियाणा से ही शुरू किया था। इसी बीच जब सुनील जगलान के ‘सेल्फ़ी विद डाऊटर’ अभियान पर मेरी नजर पडी, तो मुझे बहुत अच्छा लगा। मैंने भी उनसे सीखा और इसे मन की बात में शामिल किया। जम्मू-कश्मीर की पेंसिल स्लेट्स के बारे में बताते हुए मंजूर अहमद का का भी जिक्र किया। मोदी ने कहा कि ऐसे कितने ही प्रतिभाशाली लोग हैं, जो अपनी मेहनत से ही सफलता के शिखर को छुआ। मन की बात ही इनके उत्पादों को सबके सामने लाने का माध्यम बना।
यूनेस्को की महानिदेशक ने भी जतायी थी खुशी
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने मन की बात के ज़रिए पहले कई बार शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में काम करने वाले कई लोगों के कार्यों को सराहा है। इस क्षेत्र में भारत में हो रहे कार्यों की विश्व स्तर पर चर्चा की जा रही है और खुद यूनेस्को की महानिदेशक औद्रे ऑजुले ने भी इस बारे में उनसे बातचीत करते हुए खुशी जाहिर की है। उनका कहना था कि इन दोनों क्षेत्रों में चर्चा ‘मन की बात’ के पसंदीदा विषय रहे हैं। उन्होंने कहा , “बात शिक्षा की हो या संस्कृति की, उसके संरक्षण की बात हो या संवर्धन की, भारत की यह प्राचीन परंपरा रही है। इस दिशा में आज देश जो काम कर रहा है, वो वाकई बहुत सराहनीय है।
पिछले कार्यक्रमों को याद किया
प्रधानमंत्री ने याद करते हुए कहा कि इसी कार्यक्रम में ओडिशा में ठेले पर चाय बेचने वाले स्वर्गीय डी. प्रकाश राव जी के बारे में चर्चा की थी, जो गरीब बच्चों को पढ़ाने के मिशन में लगे हुए थे। उन्होंने झारखण्ड के गांवों में डिजिटल लाइब्रेरी चलाने वाले संजय कश्यप, कोविड के दौरान ई लर्निंग के जरिये कई बच्चों की मदद करने वाली हेमलता एन.के, लक्षदीप का कुम्मील ब्रदर्स चेलेंजर्स क्लब, कर्नाटका के ‘क्वेमश्री’ जी ‘कला चेतना का भी जिक्र किया।
मेक इन इंडिया से स्पेस स्टार्ट अप तक
मोदी ने कहा कि उन्हें याद है कि विशाखापट्नम के वेंकट मुरली प्रसाद ने एक आत्मनिर्भर भारत चार्ट साझा किया था। उन्होंने बताया था कि वह कैसे ज्यादा से ज्यादा भारतीय उत्पादों का ही इस्तेमाल करेंगे। जब बेतिया के प्रमोद ने एलईडी बल्ब बनाने की छोटी यूनिट लगाई या गढ़मुक्तेश्वर के संतोष ने मैट्स बनाने का काम किया, मन की बात ही उनके उत्पादों को सबके सामने लाने का माध्यम बना। उन्होंने कहा हमने मेक इन इंडिया के अनेक उदाहरणों से लेकर स्पेस स्टार्ट-अप तक की चर्चा ‘मन की बात’ में की है। श्री मोदी ने कहा कि कुछ एपिसोड पहले उन्होंने मणिपुर की बहन विजयशांति देवी का भी जिक्र किया था। विजयशांति कमल के रेशों से कपड़े बनाती हैं। उनके इस अनोखे इको फ़्रेंडली विचार की बात हुई तो उनका काम और लोकप्रिय हो गया।
इस तरह शुरू हुई मन की बात
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने तीन अक्टूबर 2014 को मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री ने बताया कि किस तरह मन की बात शुरू हुई। मोदी ने कहा कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब वहां आम जन से मिलना-जुलना स्वाभाविक रूप से हो ही जाता था, लेकिन जब वह प्रधानमंत्री बने, तो वह जीवन अलग था, क्योंकि काम का स्वरूप अलग था, दायित्व अलग थे। ऐसे में मैं खाली-खाली सा महसूस करता था। 50 साल पहले मैंने अपना घर इसलिए नहीं छोड़ा था कि एक दिन अपने ही देश के लोगों से संपर्क भी मुश्किल हो जाएगा। जो देशवासी मेरा सब कुछ हैं, मैं उनसे ही कटकर जी नहीं सकता था। मन की बात ने मुझे इस चुनौती का समाधान दिया। मोदी ने कहा यह मेरे लिए महज एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है।
मेरे लिए आस्था और पूजा
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे लिए मन की बात’ एक कार्यक्रम नहीं है, मेरे लिए एक आस्था, पूजा, व्रत है। जैसे लोग, ईश्वर की पूजा करने जाते हैं तो प्रसाद की थाल लाते हैं। मेरे लिए मन की बात ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल की तरह है। ‘मन की बात’ मेरे मन की आध्यात्मिक यात्रा बन गया है।अप्रधानमंत्री ने मन की बात को स्व से समिष्टि और अहम् से वयम् की यात्रा बताया और कहा कि यह उनके लिए ‘संस्कार साधना’ है।
सम्मान में न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी ने प्रस्ताव जारी किये
न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी ने मन की बात की 100वीं कड़ी के प्रसारण के सम्मान में विशेष प्रस्ताव जारी किए हैं। प्रस्तावों में कहा गया है कि यह प्रसारण सुशासन को बढ़ावा देने और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए संचार का एक प्रभावी साधन बन गया है। न्यूयॉर्क राज्य द्वारा 26 अप्रैल, 2023 को सीनेट और असेम्बली में पारित किए गए प्रस्ताव में मन की बात की 100वीं कड़ी के प्रसारण पर बधाई दी गई है। सीनेट में इस प्रस्ताव को भारतीय-अमेरिकी सीनेटर केविन थॉमस और असेम्बली की भारतीय-अमेरिकी महिला सदस्य जेनिफर राजकुमार ने पेश किया था। न्यूजर्सी ‘जनरल असेम्बली’ में यह प्रस्ताव राज मुखर्जी द्वारा पेश किया गया।