Manpreet Singh: मोहाली के कर्नल मनप्रीत सिंह वतन पर शहीद, गांव में छाया मातम, परिवार से हुई आखिरी बात कर देगी आपको भावुक
Manpreet Singh: मनप्रीत वर्ष 2003 में सेना में कर्नल बने थे. साथ ही 2005 में उन्हें कर्नल का पद मिला जिसके बाद उन्होंने देश के दुश्मनों को मार गिराने के लिए चलाए गए भारतीय सेना के कई अभियानों का नेतृत्व किया.
हाइलाइट
- जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में छिपे आंतकियों को ढेर करने के लिए सेना और पुलिस की टीम सर्च ऑपरेशन चला रही थी.
Manpreet Singh: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में छिपे आंतकियों को ढेर करने के लिए सेना और पुलिस की टीम सर्च ऑपरेशन चला रही थी. उसी दौरान वहां पर कई आतंकवादी आए और उन्होंने अचानक से वहां पर फायरिंग शुरू कर दी. इस मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारी कर्नल मनप्रीत सिंह, बटालियन कमांडर मेजर आशीष धोनैक और डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत कई नेताओं ने शहीद अफसरों को श्रद्धांजलि दी है. आपको बता दें कि जो तीन अफसर शहीद हुए हैं उनकी शादी हो चुकी थी और उनके बच्चे भी हैं.
अगली पोस्टिंग मिलनी वाली थी 4 महीने बाद
कर्नल मनप्रीत सिंह पंजाब के चंडीगढ़ के पास पड़ने वाले गांव भारोनजियन के रहने वाले थे. वो 19 राट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर थे. जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि कर्नल की फील्ड पोस्टिंग अलगे 4 महीने में खत्म होने वाली थी जिसके बाद उन्हें अगली पोस्टिंग मिल जाती.
आज सुबह हुई घर वालों से बात
कर्नल मनप्रीत की पत्नी जगमीत ग्रेवाल हरियाणा शिक्षा विभाग में लेक्चरर हैं. उनके दो बच्चे हैं. 6 साल का एक बेटा और 2 साल की एक बेटी, कर्नल मनप्रती लगभग 17 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे. भर्ती होने के कुछ दिन बाद ही मनप्रीत के पिता जी का देहांत हो चुका है. जानकारियों के मुताबिक बताया जा रहा है कि मनप्रीत सिंह के पिता ने कई सालों तक सेना में सेवा की थी.
मनप्रीत को किया गया था सेना मेडल से सम्मानित
मनप्रीत के परिवार वालों ने बताया कि जब वो लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर थे तो उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया गया था. कर्नल मनप्रीत ने अपने परिवार वालों से आखिर बार 13 सिंतबर की सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर की थी. उसी दौरान मनप्रीत ने घर वालों को बताया था कि वह एक ऑपरेशन में व्यस्त हैं और शाम करीब 7 बजे के बाद बात करेंगे. इतना बोलकर उन्होंने फोन काट दिया.