MANREGA Wage Rates: मोदी सरकार ने मनरेगा श्रमिकों को दिया बड़ा तोहफा, अब पहले से ज्यादा मिलेगी मजदूरी

MANREGA Wage Rates: लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने मनरेगा श्रमिकों को बड़ा तोहफा दिया है. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत मिलने वाली मजदूरी की दर बढ़ा दी गई है.

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MANREGA Wage Rates: केंद्र सरकार ने मनरेगा योजना के लाभार्थी को बड़ा तोहफा दिया है. दरअसल, मोदी सरकार ने मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाने का फैसला लिया है. कुछ दिनों के बाद से श्रमिकों को ज्यादा दिहाड़ी मिलने लगेगी. हालांकि सरकार ने अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग मात्रा में मजदूरी दर बढ़ी है. इस संबंध में गुरुवार 28 मार्च को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि, नई वेतन दर 1 अप्रैल 2024 से लागू कर दी जाएगी.

गौरतलब है कि साल 2005 में मनरेगा यानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत हुई थी. इस योजना का उद्देश्य भारत के मजदूरों को न्यूनतम रोजगार उपलब्ध कराना है.

1 अप्रैल से होगी लागू

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत गुरुवार 28 मार्च को एक नोटिफिकेशन जारी हुआ है. यह नोटिफिकेशन श्रमिकों की मजदूरी की दरों में बदलाव को लेकर जारी किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार अगले वित्त वर्ष यानी 2023-24 के लिए मनरेगा की बढ़ी हुई दरें अधिसूचित कर दी गई हैं. 1 अप्रैल से मनरेगा श्रमिकों को ज्यादा दिहाड़ी मिलेगी.

 

इस राज्य में बढ़ी सबसे ज्यादा मजदूरी

1 अप्रैल 2024 से मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी दर ज्यादा मिलेगी. राज्यों के हिसाब से 07 रुपये से लेकर 26 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है. पुरानी दरों की तुलना करें तो सबसे ज्यादा राजस्थान में मजदूरी दर बढ़ी है. यहां 10.38 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. पहले राजस्थान में 231 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मिलता था लेकिन अब 255 रुपये मिलेगा.

संसद में की गई थी मजदूरी बढ़ाने की सिफारिश

बता दें कि इस साल की शुरुआत में संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में, ग्रामीण विकास और पंचायती राज पर संसदीय स्थायी समिति ने राज्यों में मनरेगा मजदूरी में भिन्नता की उच्च सीमा की ओर इशारा किया था. इस दौरान कहा गया था कि श्रमिकों को जो मजदूरी दी जा रही है वह जीवन यापन के लिए पर्याप्त नहीं है. अगर वर्तमान में रहने खाने के खर्च को देखा जाए तो यह मजदूरी श्रमिकों के लिए बेहद कम है. First Updated : Thursday, 28 March 2024