Mark 2: एयरफोर्स में शामिल हुआ हेरॉन मार्क 2 ड्रोन, एक उड़ान में चीन और पाकिस्तान की सीमाओं तक पहुंचेगा
Mark 2 Drone: इंडियन एयरफोर्स अब मेक इन इंडिया के तहत प्रोजेक्ट चीता को आगे बढ़ाने योजना पर काम कर रहा है. वायुसेना में शामिल किए गए हेरॉन मार्क-2 ड्रोन उत्तरी क्षेत्र में फॉरवर्ड एयरबेस से संचालित हो रहे हैं.
Heron Mark 2 Drone: भारतीय वायु सेना मेक इन इंडिया के तहत प्रोजेक्ट चीता को आगे बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है. भारत की रक्षा निर्माता कंपनी इजरायली हेरॉन ड्रोन को स्ट्राइक क्षमताओं से लैस करेंगी. अब भारतीय एयरफोर्स के बेड़े में नए हेरॉन मार्क 2 को शामिल किया गया है. जिनका संचालन उत्तरी क्षेत्र में एक फॉरवर्ड एयरबेस से किया जा रहा है. ये ड्रोन एक बार उड़ान भरने के बाद पाकिस्तान और चीन की सीमाओं का पहुंचने की क्षमता रखते हैं.
हेरॉन मार्क 2 ड्रोन का संचालन करने वाले स्क्वाड्रन को 'वार्डन ऑफ द नॉर्थ' के रूप में जाना जाता है. इन ड्रोन के जरिए पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर निगरानी मिशन चलाया जा रहा है. नए हेरॉन मार्क-2 ड्रोन लंबी दूरी की मिसाइलों समेत अन्य हथियारों से लैस है. हेरॉन ड्रोन संचार उपग्रह से जुड़े है. इन्हें भारतीय सशस्त्र बलों में उन्नत तकनीक का ड्रोन माना जाता है.
न्यूज एजेंसी एएनआई से एयरबेस पर बातचीत में ड्रोन स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर विंग कमांडर पंकज राणा ने बताया कि हेरॉन मार्क 2 बेहद सक्षम ड्रोन है. इसके जरिए देश भर की एक ही जगह से निगरानी की जा सकती है. विंग कमांडर ने कहा, "ड्रोन अपने लक्ष्य को पूरा करने और मिशन को पूरा करने के लिए किसी भी मौसम और किसी भी इलाके में काम कर सकता है."