शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी, निफ्टी के 10% और गिरने का बढ़ा खतरा!

बाजार में गिरावट का दौर जारी है और निफ्टी अपने ऊँचाई से करीब 10% गिर चुका है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसमें और 10% की गिरावट हो सकती है, जिससे निफ्टी 21,300 के स्तर तक आ सकता है. विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली और कमजोर तिमाही नतीजे इसके प्रमुख कारण हैं. अब सवाल यह है कि क्या बाजार की ये गिरावट लंबे समय तक जारी रहेगी और ऐसे में निवेशकों के लिए क्या सही रणनीति होनी चाहिए पूरी जानकारी के लिए पढ़ें खबर.

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Market Plunge: शेयर बाजार में निवेशकों की बेचैनी बढ़ती जा रही है. सितंबर के अंत में शेयर बाजार में अचानक आई गिरावट ने छोटे-बड़े निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. भारतीय बाजारों में अब तक निफ्टी अपने ऑल-टाइम हाई से 10% नीचे आ चुका है और एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह गिरावट जारी रह सकती है. अगले कुछ महीनों में निफ्टी 21,300 के स्तर तक जा सकता है.

विदेशी निवेशकों ने बढ़ाई गिरावट की रफ्तार

शेयर बाजार में गिरावट का सबसे बड़ा कारण विदेशी निवेशकों (FII) की बिकवाली है. सितंबर के बाद से विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर ली है. खासकर कमजोर तिमाही नतीजों के कारण यह ट्रेंड देखने को मिल रहा है. ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, जय बाला का कहना है कि निफ्टी साल के अंत तक 21,300 तक और बैंकिंग इंडेक्स 42,000 के स्तर पर आ सकता है. पिछले कारोबारी सेशन में निफ्टी 23,500 के आसपास पहुंचकर 5 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा था.

कब तक चलेगा गिरावट का यह दौर?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह गिरावट कुछ और महीनों तक जारी रह सकती है. CLSA के लॉरेंस बालेंको का कहना है कि भारत का सापेक्ष रूप से खराब प्रदर्शन 2025 की पहली तिमाही तक बना रह सकता है. उनकी सलाह है कि निवेशकों को फिलहाल इस ट्रेंड को समझने में समय लगेगा और निफ्टी को 22,800 के स्तर पर सपोर्ट मिल सकता है. ब्रेकआउट के फिलहाल कोई संकेत नहीं हैं, जिससे यह स्थिति अभी स्थिर दिखाई देती है.

निवेशकों के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए?

विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में गिरावट के इस दौर में निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए. गिरते हुए बाजार में जल्दबाजी करने से नुकसान हो सकता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, 'गिरते हुए चाकू को पकड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए,' जिसका अर्थ है कि इस समय जल्दबाजी में निवेश से बचना चाहिए. इस समय कैश बढ़ाने की योजना बनाएं और बाजार में स्थिरता आने पर लॉन्ग टर्म के हिसाब से सही एंट्री लें.

इतिहास से क्या सीख मिलती है?

यह पहली बार नहीं है कि निफ्टी अपने ऑल-टाइम हाई से 10% नीचे आया हो. पिछली बार जब निफ्टी में इस तरह की गिरावट आई थी, तब वह जल्द ही संभल गया था. यह हालात सितंबर 2022 और मार्च 2023 में देखे गए थे और उसके बाद बाजार में तेजी आई थी. इस बार भी, निफ्टी को अपने 200 मुविंग एवरेज पर सपोर्ट मिल सकता है.

क्या बाजार जल्द सुधरेगा?

इस समय निफ्टी 40-60 के RSI (रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स) रेंज में मुवमेंट दिखा रहा है, जो गिरावट की ओर इशारा कर रहा है. निवेशकों के लिए यह समय धैर्य बनाए रखने का है और जल्दबाजी से बचने का. अगर बाजार में और गिरावट आती है, तो यह लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए कम दामों पर खरीदारी का मौका हो सकता है.

तो कुल मिलाकर, बाजार में गिरावट का यह दौर थोड़े समय तक चल सकता है, लेकिन एक्सपर्ट्स की सलाह है कि धैर्य रखें और सही समय पर एंट्री लें ताकि लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिल सके. First Updated : Thursday, 14 November 2024