कठुआ मुठभेड़ में शहीद जम्मू-कश्मीर के पुलिसकर्मियों के अभी तक नहीं मिले हथियार

इस मुठभेड़ में हेड कांस्टेबल जगबीर सिंह समेत तीन अन्य पुलिसकर्मी शहीद हो गए. सुरक्षाबलों ने हालांकि आतंकवादियों को ढेर किया, लेकिन शहीदों के हथियारों का कोई पता नहीं चला. यह घटना कठुआ जिले के सफियान जंगल में हुई थी, जहां सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच दो दिन तक भीषण मुठभेड़ चली थी. 

Kathua encounter: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में हाल ही में सुरक्षाबलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया, लेकिन शहीद पुलिसकर्मियों के हथियारों का कोई पता नहीं चल सका है. सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के हथियार बरामद किए और इलाके में अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है. हालांकि, शहीद पुलिसकर्मियों के हथियार अभी तक गायब हैं, जो एक बड़ा सवाल बनकर रह गया है.

इस मुठभेड़ के बाद जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली साजिशों की निंदा की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से होने वाली इन साजिशों के कारण हमारे बच्चे मारे जा रहे हैं. उन्होंने पाकिस्तान से आतंकवाद को खत्म करने की अपील की और कहा कि हिंसा से किसी को कोई फायदा नहीं होता. चौधरी ने यह भी बताया कि पिछले 30 वर्षों से सीमा पार से आतंकवादियों ने हमारे बच्चों को निशाना बनाया है, लेकिन इसके बावजूद आतंकवाद को समाप्त नहीं किया जा सका है.

सुरिंदर चौधरी ने आतंकवाद के अंत की उम्मीद जताते हुए कहा कि हमें विश्वास है कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले तत्व समझेंगे और हिंसा का रास्ता छोड़ देंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद जम्मू-कश्मीर और भारत को कमजोर नहीं कर सकता. 

ज्वाइंट ऑपरेशन में दो आतंकी मारे गए

कठुआ जिले में दो दिन तक चले इस ऑपरेशन में सेना और पुलिस ने मिलकर पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादियों को मार गिराया. इस दौरान शहीद हुए हेड कांस्टेबल जगबीर सिंह को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर शहीद के परिवार के सदस्य, पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक (जम्मू क्षेत्र), सेना, सीआरपीएफ के अधिकारी और नागरिक प्रशासन के प्रतिनिधि उपस्थित थे. 

इस संघर्ष को लेकर जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री ने शहीदों की कुर्बानी को सलाम किया और कहा कि इस घटना ने हमारी एकता को और मजबूत किया है. उन्होंने यह भी बताया कि इस संघर्ष में शहीद होने वालों में एक मुस्लिम और तीन हिंदू थे, जो यह साबित करते हैं कि आतंकवादी हमारी भाईचारे की भावना को कभी तोड़ नहीं सकते.

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29 March 2025, 11:08 PM IST

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