मथुरा कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद पर 15 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
Mathura Krishna Janmabhoomi-Shahi Eidgah Dispute: सुप्रीम कोर्ट 15 जनवरी को मथुरा कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करेगा. मस्जिद प्रबंधन समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनकी याचिका खारिज की गई थी. हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई योग्य नहीं है और मस्जिद स्थल को श्रीकृष्ण जन्मभूमि बताया है. सुप्रीम कोर्ट की बेंच मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार इस मामले की सुनवाई करेगी.
Mathura Krishna Janmabhoomi-Shahi Eidgah Dispute: सुप्रीम कोर्ट मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़े विवाद पर 15 जनवरी को सुनवाई करेगा. यह मामला पिछले साल से सुर्खियों में है, जब मस्जिद प्रबंधन समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने मस्जिद की प्रबंधन समिति की याचिका को खारिज करते हुए इसके ‘धार्मिक चरित्र’ पर विचार की आवश्यकता जताई थी. अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
इस विवाद में हिंदू और मुस्लिम पक्ष अपनी-अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं. हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद स्थल भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है, जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि उनकी याचिका शीर्ष अदालत में सुनवाई योग्य है.
पिछली सुनवाई और मामला
29 नवंबर 2023 को मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने मस्जिद प्रबंधन समिति की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई थी. इससे पहले, 1 अगस्त 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट की याचिका को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि मस्जिद के धार्मिक चरित्र पर विचार करना आवश्यक है.
हिंदू पक्ष के तर्क
हिंदू पक्ष के वकील बरुण सिन्हा ने तर्क दिया कि मस्जिद समिति को इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ में अपील करनी चाहिए थी. उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के नियमों का हवाला देते हुए कहा, “इलाहाबाद हाईकोर्ट के अध्याय 8 के नियमों के तहत विशेष अपील खंडपीठ के समक्ष स्वीकार्य है. सुप्रीम कोर्ट में सीधे अपील सुनवाई योग्य नहीं है.”
मस्जिद प्रबंधन समिति का पक्ष
मस्जिद प्रबंधन समिति का कहना है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में विचार के योग्य है. समिति ने उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिका खारिज किए जाने को चुनौती दी है.
15 जनवरी को होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ 15 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करेगी. यह मामला धार्मिक और कानूनी दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है.