Lok Sabha Election 2024: मायावती का ऐलान, कहा- BSP अकेले लड़ेगी चुनाव

बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने बुधवार को मीडिया से मुखातिब हुई, इस दौरान उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए या भारत (भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन) नामक विपक्षी गठबंधन में शामिल नहीं होगी.

Tahir Kamran
Edited By: Tahir Kamran

हाइलाइट

  • बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पर साधा निशाना
  • 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन के साथ नहीं जाएगी बसपा
  • "जातिवादी और पूंजीवादी दलों के साथ गठबंधन कर रही कांग्रेस"

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर लगभग सभी राजनीतिक पार्टियां अपना कमर कस चुकी है. एक तरफ संयुक्त विपक्षी पार्टियों की बैठकों का दौर चल रहा है, तो दूसरी तरफ सत्ताधारी बीजेपी और उसके नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल सभी पार्टियां दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन कर विपक्ष को संदेश देना चाहती हैं की 2024 लोकसभा को जीतना इतना आसान नहीं है, जैसा की विपक्ष सोच रहा है.

विपक्ष गठबंधन और सत्ताधारी बीजेपी के चुनावी तैयारियों को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने बुधवार को मीडिया से मुखातिब हुई, इस दौरान उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए या भारत (भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन) नामक विपक्षी गठबंधन में शामिल नहीं होगी.

पंजाब और हरियाणा में क्षेत्रीय दलों के साथ कर सकती है गठबंधन

एक मीडिया ब्रीफिंग में मायावती ने कहा कि इस साल के अंत में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में अकेले उतरेगी. पंजाब और हरियाणा में वह क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर सकती है, बशर्ते उनका एनडीए या बदले हुए यूपीए के साथ कोई समझौता न हो".

दिलचस्प बात यह है कि 2014 के आम चुनाव में मायावती ने यूपीए का समर्थन किया था, लेकिन अपना खाता खोलने में असफल रहीं. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने के लिए समान विचारधारा वाले जातिवादी और पूंजीवादी दलों के साथ गठबंधन कर रही है" और भाजपा भी एनडीए को मजबूत कर रही है लेकिन "उनकी नीतियां मुस्लिम विरोधी और दलित विरोधी हैं".

विपक्ष से क्यों नहीं हाथ मिला रही बसपा

मायावती ने बताया कि उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला क्यों किया. बसपा सुप्रीमो ने कहा, "ये पार्टियां लोगों के कल्याण के लिए काम नहीं करती हैं. उन्होंने दलितों, मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं किया है. सभी एक जैसे हैं. जब वे सत्ता में आते हैं, तो अपने वादे भूल जाते हैं. उन्होंने जनता से किया एक भी वादा पूरा नहीं किया. चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी हो. यही सबसे बड़ा कारण है कि बीएसपी ने विपक्ष से हाथ नहीं मिलाया''.

इस महीने की शुरुआत में, मायावती ने 2024 के आम चुनावों के लिए बसपा की तैयारियों और रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए पार्टी की पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ इकाइयों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की.

उत्तर प्रदेश में सपा गठबंधन के साथ बसपा लड़ी थी 2019 लोकसभा चुनाव 

मई में, उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय चुनावों में हार के बाद उन्होंने बसपा के यूपी पदाधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाई. बसपा ने 2019 का लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश में सपा के साथ गठबंधन में लड़ा था. उसे 19.43% वोट मिले और 10 सीटें मिलीं जबकि एसपी ने 5 सीटें जीतीं. 2022 में यू.पी. विधानसभा चुनाव में बसपा को 12.88% वोट मिले और उसे केवल एक सीट मिली. पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए दलित-ओबीसी-मुस्लिम गठबंधन पर काम कर रही है.
 

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19 July 2023, 01:34 PM IST

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