दिल्ली में आज महापौर का चुनाव, जानें मेयर और डिप्टी मेयर को चुनने की प्रक्रिया
Delhi Mayor Election: दिल्ली में आज महापौर चुनाव होने वाला है ये दोपहर 2 बजे सिविक सेंटर में सदन की बैठक में चुनाव की प्रक्रिया होगी. पहले महापौर का चुनाव होगा. बैलेट पेपर से पार्षद और अन्य सदस्य वोट डालेंगे. सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बल तैनात रहेंगे. केवल पार्षदों और चुनाव अधिकारियों को ही निगम मुख्यालय में प्रवेश मिलेगा.
Delhi Mayor Election: दिल्ली में महापौर चुनाव आज होगा. दोपहर दो बजे निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में होने वाली सदन की बैठक में चुनाव की प्रक्रिया कराई जाएगी. बैठक की अध्यक्षता पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा करेगी. पहले महापौर का चुनाव होगा. बैलेट पेपर के माध्यम से पार्षद और अन्य सदस्य वोट डालेंगे.मतदान में कोई झगड़ा न हो इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहेंगे. दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ ही अर्द्धसैनिक बलों के जवान भी तैनात रहेंगे.
पार्षदों को मिलेगा निगम में प्रवेश
मतदान के लिए केवल पार्षदों को और चुनाव से संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को ही निगम मुख्यालय के ए ब्लॉक में प्रवेश मिलेगा. जबकि पार्षदों के साथ कार्यकर्ताओं और अन्य परिवार के सदस्यों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. साथ ही सभी सदस्यों की सदन में प्रवेश से पहले जांच भी होगी.
हर साल बदलता है मेयर
एमसीडी के महापौर और उप महापौर चुनाव के लिए पार्षद के साथ ही निगम में नामांकित विधायकों के अलावा राज्यसभा और लोकसभा के सांसद भी हिस्सा लेते हैं। जबकि एल्डरमैन को वोट डालने का अधिकार नहीं होता है. उल्लेखनीय है कि एमसीडी में हर वर्ष अप्रैल महापौर चुनाव का प्रविधान है.
निगम चुनाव के बारे में और भी जरूरी बातें
पहला वर्ष महिला पार्षद को महापौर बनाने के लिए आरक्षित होता है. जबकि तीसरा वर्ष अनुसूचित जाति के पार्षद को महापौर बनाने के लिए आरक्षित होता है. यह तीसरे वर्ष का चुनाव है. निगम में दल बदल कानून लागू नहीं होता है.
भाजपा के पास नहीं है बहुमत फिर भी लगा रही हैं दांव
दिल्ली नगर निगम के महापौर चुनाव में भाजपा के पास बहुमत नहीं है बावजूद इसके भाजपा ने दांव लगाया है. भाजपा ने अपने महापौर पद के लिए प्रत्याशी उतारा। जबकि उप महापौर पद भी प्रत्याशी उतारा है. अब सत्या शर्मा के पीठासीन अधिकारी बन जाने की वजह से आप पार्षदों की चिंता और बढ़ गई है. क्योंकि जनवरी 2023 में भाजपा जब चुनाव जीतना चाहती थी तब भी सत्या शर्मा पीठासीन अधिकारी थी.