Qatar News: कतर में कैद 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों पर विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब, जानें क्या है पूरा मामला

Qatar News: नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों पर जासूसी करने के आरोप लगे हैं, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इन आरोपों में कुछ सामान्य हैं तो कुछ गंभीर हैं.

Sachin
Sachin

Qatar News: कतर सरकार ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व सैनिकों को सितंबर 2022 को गिरफ्तार किया था. साथ ही मार्च 2023 में इनके ऊपर जासूसी के आरोप लगाए गए थे. यह अधिकारी कतर की जाहिरा अल आलमी कंपनी के लिए काम करते थे. यह कंपनी कतर नौसेना की सबमरीन के लिए काम करती थी. इस प्रोग्राम का मकसद रडार से बचने वाले हाईटेक इतालवी तकनीक से बनी सबमरीन को हासिल करना था. 

कंपनी में 75 भारतीय अधिकारी और कर्मचारी काम करते थे 

कंपनी के लिए 75 भारतीय कर्मचारी भी काम करते थे, इसमें से कई भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी भी थे. मई में कंपनी ने अचानक कहा कि वह इस महीने के अंत तक बंद कर देगी. यह कंपनी कतर सशस्त्र सेना को ट्रेनिंग और सर्विस मुहैया कराती थी. साथ ही कंपनी की वेबसाइट पर रक्षा मंत्रालय, सुरक्षा और दूसरी सरकारी एजेंसियों को स्थानीय व्यापारिक पार्टनर बताया गया है. 

कंपनी का मुख्य कार्य रक्षा उपकरणों की मरम्मत करना था

इस वेबसाइट पर साफतौर से लिखा था कि इसका कार्य रक्षा उपकरणों से लेकर उनकी मरम्मत तक का है. साथ ही वेबसाइट पर इसके अधिकारी और कर्मचारियों की एक पूरी लिस्ट है. जिसमें नौसेना के पूर्व भारतीय सैनिकों का भी नाम शामिल है. वहीं, कंपनी के लिंकडिन पर लिखा है कि इस कंपनी का मुख्य कार्य रक्षा से संबंधित उपकरणों को मरम्मत करने के साथ प्रशिक्षण देने में सबसे आगे है. इसके वेबसाइट पर आगे लिखा है कि वह कतर में सुरक्षा और उपकरणों के मामले में एक विशेष स्थान रखती है. 

नौसैनिक अधिकारियों पर जासूसी का आरोप लगा 

मीडिया की रिपोर्टों की मानें तो नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों पर जासूसी करने के आरोप लगे हैं, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इन आरोपों में कुछ सामान्य हैं तो कुछ गंभीर हैं. इन अधिकारियों को कंपनी ने पहले ही बर्खास्त कर दिया था और इनकी सैलेरी का हिसाब-किताब भी चुकता कर दिया था. इन सब मामलों को देखते हुए बीते महीने ही कतर सरकार ने कंपनी को बंद करने का आदेश दिया. साथ ही लगभग 70 कर्मचारियों को देश छोड़ने का आदेश भी दे दिया था. 

जानकारी इकट्ठा कर इजरायल को दी 

मीडिया की खबरों के अनुसार इन अधिकारियों ने कतर की सुरक्षा से संबंधित जानकारी इकट्ठा कर इजरायल को दी थी. वहीं, भारतीय और ग्लोबल मीडिया के अनुसार आठ पूर्व सैनिकों पर आरोप है कि उन्होंने इतालवी पनडुब्बी खरीदने से संबंधित खबर इजरायल को दी थी यानी की इन नौसैनिकों पर इजरायल को सूचना देने की जासूसी का आरोप लगा है. इन सभी अधिकारियों को भारत और कतर के बीच एक समझौते के तहत नौकरी दी गई थी. 

भारत सरकार ने परिवार की ओर से शिकायत दर्ज करवाई 

लेकिन अब इनको मौत की सजा मिलने के बाद भारत सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है, गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमने एक अपील दायर की जो परिवार और बंदियों की ओर से दी गई है. उन्होंने कहा कि अब तक इस मामले में दो बार सुनवाई हो चुकी है, जिसमें एक 23 नवंबर और दूसरी 30 नवंबर को हुई है. प्रवक्ता ने कहा कि इस मालमे की अगली सुनवाई जल्द होने वाली है, हम इस मामले पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं. सभी कानूनों को तलाशकर उनकी माध्यम से आगे बढ़ रहे हैं. इसी बीच 3 दिसंबर को सभी आठ लोगों से मिलने के लिए राजदूत काउंसलर एक्ट पहुंचें हैं. 

पत्रकारों ने अरिंदम बागची से पूछे सवाल 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से जब पत्रकारों ने सवाल पूछा कि जब पिछले हफ्ते दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के वक्त कतर के शेख तमीम बिन हमद अल थानी से पीएम मोदी की मुलाकात हुई तो क्या उन्होंने इस मामले को उठाया था? तो इसका जवाब बागची ने सीधे तौर पर न देते हुए पीएम मोदी की एक्स पर पोस्ट का हवाला देते हुए कहा कि द्विपक्षीय साझेदारी की संभावना और कतर में भारतीय समुदाय को लेकर हमारी अच्छी बातचीत हुई.

calender
08 December 2023, 12:49 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

Subscribe to Our YouTube Channel!

Stay updated with our latest videos. Click the button below to subscribe now!