Article 370: 'सुप्रीम कोर्ट का फैसला भगवान का नहीं', अनुच्छेद 370 को लेकर महबूबा मुफ्ती ने दिया बयान
Article 370: सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा और कहा कि किसी राज्य की ओर से केंद्र द्वारा लिए गए हर फैसले को कानूनी चुनौती नहीं दी जा सकती.
Mehbooba Mufti On Article 370: केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने रविवार. (17 दिसंबर) को कहा कि यह फैसला "भगवान का फैसला नहीं है." "हमें हिम्मत नहीं हारनी है. हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे. हम उम्मीद नहीं खोएंगे और अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी पीडीपी जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए अपना संघर्ष जारी रखेंगी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर उन्होंने कहा कि "उसी सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि संविधान सभा की सिफारिश के बिना अनुच्छेद 370 में संशोधन नहीं किया जा सकता है. वे भी विद्वान न्यायाधीश थे. आज कुछ अन्य न्यायाधीशों ने फैसला सुनाया. हम इसे भगवान का फैसला नहीं मान सकते."
'हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे'
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर महबूबा मुफ्ती ने कहा, जम्मू-कश्मीर के लोगों ने कई वर्षों तक संघर्ष किया है, जिसमें हमें नुकसान हुआ है. वे चाहते हैं कि हम उम्मीद खो दें, हार स्वीकार कर लें और घर बैठ जाएं. ऐसा नहीं होगा." बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा और कहा कि किसी राज्य की ओर से केंद्र द्वारा लिए गए हर फैसले को कानूनी चुनौती नहीं दी जा सकती.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने फैसला सुनाया.
फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
सीजेआई चंद्रचूड़ ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि उद्घोषणा के तहत राज्य की ओर से केंद्र द्वारा लिए गए हर फैसले को कानूनी चुनौती नहीं दी जा सकती है और इससे राज्य का प्रशासन ठप हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने माना है कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था. "महाराजा की उद्घोषणा में कहा गया था कि भारत का संविधान खत्म हो जाएगा. इसके साथ, विलय पत्र का पैरा अस्तित्व में नहीं रहेगा.