योगी के मंत्री संजय निषाद का विवादित बयान,मरीजों की मौतों को बताया दैवीय आपदा

योगी के मंत्री संजय निषाद ने विवादित बयान देते हुए बलिया में हो रही मरीजों की मौतों को दैवीय आपदा बताया है।

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Ballia News: यूपी के बलिया जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मरीजों की मौतों को लेकर योगी सरकार के मंत्री डॉ. संजय निषाद का अजीबो गरीब बयान सामने आया है। डॉ. संजय निषाद ने इस घटना को लेकर गैर जिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा कि ये एक दैवीय आपदा है। इस पर मैं दुःख व्यक्त करता हूं। राज्य सरकार ने इस पर जांच टीम बैठाई है। जांच के बाद मृतकों के परिवाार वालों को आर्थिक मदद की जाएगी। ये पहला मौका नहीं है जब योगी के मंत्री के तरफ से इस तरह का बयान सामने आया हो। इससे पहले योगी सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने भी ऐसा ही अजीबो-गरीब बयान देते हुए कहा था कि गर्मियों में मृत्यु दर बढ़ जाती है।  

भीषण गर्मी से मरने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा

दरअसल भीषण लू और भीषण गर्मी की वजह से यूपी के बलिया जिला अस्पताल में पिछले पांच दिनों में 68 मरीजों की मौत होने से हडंकप मचा हुआ है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि इन मौतों के पीछे लू और भीषण गर्मी बड़ी वजह है। पूरे उत्तर भारत में गर्मी ने अपना कहर बरपा रखा है और इन सब के बीच उत्तर प्रदेश के बलिया में भीषण गर्मी के कारण 14 मरीजों की मौत हो गई है। इसके अलावा लू लगकर मरने वालों की संख्या अब 68 हो गई है। बलिया में हुई मौत के मामलों की जांच के लिए लखनऊ से स्वास्थ्य विभाग की एक टीम भेजी गई। जांच टीम ने जिले के अलग-अलग इलाकों का दौरा करके इस मामले में जानकारी जुटाई।

सीएम योगी ने की हाई लेवल मीटिंग

यूपी में लू के कहर को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक हाई लेवल बैठक की। अधिकारियों को लू के प्रकोप से लोगों को बचाने के निर्देश जारी किए गए। उन्होंने अधिकारियों को दिए गए आदेश में कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल की व्यवस्था की जाए। बिजली विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किया गया कि बिना वजह बिजली की कटौती न की जाए। जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त बिजली की खरीद का आदेश पहले ही सीएम योगी जारी कर चुके हैं। 

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सभी जिलों के सीएमओ और सीएमएस को अस्पतालों में इलाज की पुख्ता व्यवस्था के साथ साथ स्वास्थ विभाग को अलर्ट रहने का आदेश दिया है। ब्रजेश पाठक ने इस बैठक में अधिकारियों से सभी सरकारी अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से बेड आरक्षित करने को कहा है। इमरजेंसी में तीन से चार बेड ऐसे मरीजों के लिए आरक्षित करें, ताकि रोगियों को इलाज के लिए इंतजार न करना पड़े।
  First Updated : Tuesday, 20 June 2023