जाकिर नाइक के PAK दौरे पर आया भारत सरकार का बयान, जानिए क्या कहा?
अपने बयानों को लेकर विवादों में घिरे रहने वाले इस्लामी स्कॉलर जाकिर नाइक इन दिनों पाकिस्तान दौरे पर हैं. यहां उनका बहुत शानदार तरीके से स्वागत किया गया है. इस बीच जाकिर नाइक के पाकिस्तान दौरे पर भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है.
Zakir Naik: विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक की पाकिस्तान यात्रा पर विदेश मंत्रालय का बयान सामने आ गया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने जाकिर नाइक की पाकिस्तान यात्रा को यात्रा को 'निंदनीय' बताया, साथ ही यह भी कहा कि यह 'आश्चर्यजनक' नहीं है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में यह बयान दिया. जायसवाल ने नाइक का जिक्र करते हुए कहा, "हमने रिपोर्ट देखी है कि उसे पाकिस्तान में लाया गया है और उसका वहां गर्मजोशी से स्वागत किया गया है."
प्रवक्ता ने आगे कहा, "हमारे लिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि एक भारतीय भगोड़े का पाकिस्तान में उच्च स्तरीय स्वागत किया गया है. यह निराशाजनक और निंदनीय है, लेकिन आश्चर्यजनक नहीं है." 58 वर्षीय नाइक महीने भर के दौरे के लिए मंगलवार को पड़ोसी देश पहुंचे. वह पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और उसके सबसे बड़े और दूसरे सबसे बड़े शहरों कराची और लाहौर में व्याख्यान देंगे. अपने आगमन के एक दिन बाद, उन्होंने इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की. साथ ही, 1992 के बाद से यह उनकी पहली यात्रा है.
नाइक कथित मनी लॉन्ड्रिंग और ‘नफरती भाषणों’ के ज़रिए ‘चरमपंथ’ भड़काने के आरोप में भारत में वांछित है. वह 2016 में भाग गया और मलेशिया का स्थायी निवासी बन गया. इसके अलावा, वह ‘पीस टीवी’ नामक एक चैनल चलाता है, जिसे भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका की सरकारों ने इसके ‘विवादास्पद’ स्वभाव की वजह से पाबंदी लगा दी है. इसके अलावा, नाइक को कनाडा और यूनाइटेड किंगडम में भी एंट्री पर पाबंदी लगा दी है.
जाकिर नाइक ने हाल ही में प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि अगर संसद द्वारा पास किया जाता है, तो यह कानून ‘भारतीय मुसलमानों से हज़ारों मस्जिदें, मदरसे, कब्रिस्तान और लाखों एकड़ ज़मीन छीन लेगा.’ इस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने उन पर ‘झूठा और फर्जी प्रचार’ फैलाने का आरोप लगाया. रिजिजू ने यह भी दावा किया कि वह देश में ‘सांप्रदायिक अशांति’ पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.