मोदी सरकार के 10 साल: मिडिल क्लास को मिली राहत, अमीरों से हुआ ज्यादा टैक्स वसूल!
मोदी सरकार के 10 सालों में मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ कम हुआ, जबकि 50 लाख रुपये से अधिक कमाने वालों से टैक्स वसूली में भारी बढ़ोतरी हुई. सरकार ने कर चोरी रोकने के लिए कड़े कदम उठाए, जिससे अमीरों से ज्यादा टैक्स वसूला गया और मिडिल क्लास को राहत मिली. 7 लाख रुपये तक की आय वालों को अब टैक्स नहीं देना पड़ता. जानें इस बदलाव ने अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित किया!
Tax Relief for Middle Class: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले 10 सालों में भारत के टैक्स सिस्टम को कई तरह से बदला है. इस दौरान, मिडिल क्लास पर कर का बोझ कम किया गया है, जबकि उच्च आय वाले व्यक्तियों से ज्यादा टैक्स वसूला गया है. इस बदलाव ने एक नई तस्वीर सामने रखी है, जिससे टैक्सपेयर्स की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ आर्थिक व्यवस्थाओं में भी बदलाव आया है.
मिडिल क्लास को मिली राहत
वर्तमान सरकार ने 20 लाख रुपये सालाना से कम आय वाले लोगों पर कर का बोझ घटाया है. 2014 से लेकर अब तक, छोटे और मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को राहत दी गई है, जबकि जिनकी आय 50 लाख रुपये से अधिक है, उनके लिए करों में वृद्धि हुई है. इस दौरान मोदी सरकार ने कई ऐसे उपाय किए, जिनसे काले धन पर काबू पाया और कर चोरी में कमी आई. इसके कारण 50 लाख रुपये से अधिक आय वाले व्यक्तियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है.
बढ़ी आयकर देनदारी, खासकर अमीरों से
आयकर रिटर्न के आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 में 50 लाख रुपये से अधिक की आय वाले व्यक्तियों की संख्या 9.39 लाख हो गई है, जो 2013-14 में महज 1.85 लाख थी. इसी समय के दौरान, इन व्यक्तियों द्वारा चुकाए गए कर की राशि में 3.2 गुना की वृद्धि हुई है. 2014 में यह राशि 2.52 लाख करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर 9.62 लाख करोड़ रुपये हो गई है. ये आंकड़े दर्शाते हैं कि सरकार ने अमीरों से ज्यादा टैक्स वसूला है.
मिडिल क्लास पर कर का बोझ कम हुआ
मिडिल क्लास पर कर का बोझ कम करने के लिए कई सुधार किए गए हैं. मोदी सरकार के कार्यकाल में, 2 लाख रुपये सालाना से अधिक कमाने वाले व्यक्तियों को आयकर देना पड़ता था, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है. इसके साथ ही, 10 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों से आयकर संग्रह का प्रतिशत 10.17% से घटकर अब 6.22% हो गया है.
नए सुधारों ने बदल दी तस्वीर
इन 10 सालों में मोदी सरकार ने आयकर स्लैब्स में बदलाव किए हैं और कर चोरी रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. इसका परिणाम यह हुआ कि छोटे और मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को कम कर देना पड़ा, जबकि अमीरों से अधिक कर वसूला गया. 2023-24 में व्यक्तिगत आयकर रिटर्न की संख्या 121% बढ़कर 7.97 करोड़ हो गई, जो कि 2013-14 में केवल 3.60 करोड़ थी.
आगे क्या होगा?
इस बदलाव से स्पष्ट है कि मोदी सरकार ने मिडिल क्लास को राहत दी है और बड़े आय वालों से अधिक टैक्स वसूला है. इस कदम से न केवल सरकार के खजाने में वृद्धि हुई है, बल्कि आर्थिक व्यवस्थाएं भी मजबूत हुई हैं. इन सुधारों से आने वाले समय में भारत की आर्थिक स्थिति और बेहतर हो सकती है और टैक्सपेयर्स की संख्या में और वृद्धि हो सकती है. इस 10 साल की अवधि में मोदी सरकार ने जो टैक्स सुधार किए हैं, वे अब देश की टैक्स प्रणाली में स्थायी बदलाव का हिस्सा बन चुके हैं, जो भविष्य में और अधिक प्रभावी साबित हो सकते हैं.