Modi Cabinet: केंद्रीय स्वास्थ्य, उर्वरक और रसायन मंत्री मनसुख मंडाविया ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को उर्वरक दरों में वृद्धि नहीं करने का फैसला किया और जून-सितंबर खरीफ या गर्मी की बुआई के मौसम के लिए ₹1.08 लाख करोड़ की फसल-पोषक तत्व सब्सिडी को मंजूरी दी.
मंत्री ने कहा कि देश में यूरिया समेत सभी प्रमुख उर्वरकों का पर्याप्त भंडार और व्यवस्था है. भारत की खाद्य सुरक्षा उर्वरकों की उपलब्धता से निकटता से जुड़ी हुई है, जिस पर लाखों किसानों को संघीय सब्सिडी मिलती है. गर्मी की बुआई का मौसम देश की वार्षिक खाद्य आपूर्ति का लगभग आधा हिस्सा है.
केंद्रीय मंत्री ने क्या कहा?
कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “उर्वरकों की अंतर्राष्ट्रीय दरें थोड़ी कम हो गई हैं. किसानों को समय पर खाद मिलती रहे और उन पर आर्थिक बोझ न पड़े, इसके लिए मोदी सरकार हमेशा तत्पर रही है. किसानों के लिए ख़रीफ़ सीज़न के लिए उर्वरक की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी.
भारत अपनी कुल उर्वरक मांग को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है. मंत्री ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष के कारण 2022-23 में विभिन्न कृषि रसायनों की वैश्विक कीमतें कई वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं, जिसके परिणामस्वरूप कुल उर्वरक सब्सिडी बिल रिकॉर्ड ₹2.56 लाख करोड़ हो गया.
देश की लगभग 51% कृषि भूमि तक सिंचाई की पहुंच नहीं
इस दौरान उन्होंने कहा कि उभरता हुआ अल नीनो, जो कि मानसून को बाधित करने वाला वैश्विक मौसम पैटर्न है, इस वर्ष ग्रीष्मकालीन फसलों के लिए एक प्रमुख जोखिम है. हालांकि भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अप्रैल में सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की है, लेकिन इसने मानसून की बारिश को प्रभावित करने वाले अल नीनो की संभावना को खारिज नहीं किया है, जो महत्वपूर्ण है क्योंकि देश की लगभग 51% कृषि भूमि तक सिंचाई की पहुंच नहीं है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शुद्ध-सिंचित क्षेत्र का हिस्सा देश के कुल शुद्ध-बोये गये क्षेत्र का लगभग 49% है. First Updated : Wednesday, 25 October 2023