Tehreek-e-Hurriyat: मोदी सरकार ने 'तहरीक-ए-हुर्रियत' पर प्रतिबंध लगाया, शाह बोले- हमारी टेरर को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति
Tehreek-e-Hurriyat: अमित शाह ने कहा कि तहरीक-ए-हुर्रीयत को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकी संगठन घोषित कर दिया है.
Tehreek-e-Hurriyat: कश्मीरी अलगाववादी पार्टी तहरीक-ए-हुर्रीयत को केंद्र सरकार ने आतंकी संगठन को घोषित कर दिया है. इसकी पुष्टि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की है. शाह ने बताया कि तहरीक-ए-हुर्रीयत को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकी संगठन घोषित किया है. कश्मीर में आतंकी संगठन को लेकर केंद्र सरकार लगातार एक्शन में दिख रही है.
आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देता है: शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल साइट एक्स पर लिखा कि 'तहरीक-ए-हुर्रियत (TeH) को यूएपीए के तहत एक 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया गया है. यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की निषिद्ध गतिविधियों में शामिल है. यह समूह जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए भारत विरोधी प्रचार फैला रहा है और आतंकवादी गतिविधियां जारी रख रहा है.
The ‘Tehreek-e-Hurriyat, J&K (TeH) has been declared an 'Unlawful Association' under UAPA.
— Amit Shah (@AmitShah) December 31, 2023
The outfit is involved in forbidden activities to separate J&K from India and establish Islamic rule. The group is found spreading anti-India propaganda and continuing terror activities to…
क्या है तहरीक-ए-हुर्रियत?
जम्मू कश्मीर में अलगाववादी विचारधारा को बढ़ावा देने वाली तहरीक-ए-हुर्रियत की स्थापना 7 अगस्त 2004 को कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने किया था. उन्होंने जमात-ए-इस्लामी कश्मीर छोड़ने के बाद इसकी स्थापना की थी.
बता दें कि तहरीक-ए- हुर्रियत अलगाववादी पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का ही एक सहयोगी संगठन है. कश्मीर में अलगाववादी विचारधारा को बढ़ावा देने और पाकिस्तान का समर्थन करने वाले इस समूह का नेतृत्व पहले सैयद अली शाह गिलानी ने किया था. उनकी मौत के बाद समूह की कमान मसर्रत आलम भट के हाथों में आ गई. मसर्रत आलम फिलहाल भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक एजेंडा चलाने के आरोप में जेल में बंद है.