PM Modi : देश के किसानों को मोदी सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, पढ़ें पूरी खबर
PM Modi: दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने देश के गन्ना किसानों को बड़ी सौगात दी है. सरकार ने गन्ने के खरीद मूल्य में इजाफा करने का फैसला किया है.
हाइलाइट
- 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी.
- गन्नों की कीमतों में इजाफा.
PM Modi : लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने किसानों के हित में एक बडा फैसला लिया है. गन्ने के उचित मूल्य और लाभकारी मूल्य में सत्र 2024-25 के लिए प्रति क्विंटल 25 रुपये की वृद्धि की है. पहले गन्ने का प्रति क्विंटल खरीद मूल्य 315 रुपये था, अब यह बढ़कर 340 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्षता में कैबिनेट ने बुधवार को यह निर्णय लिया है.
25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी
एफआरपी में 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी मोदी सरकार की ओर से की गई सबसे अधिक बढ़ोतरी है. इससे उत्तर प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र और कर्नाटक के किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा, जहां गन्ने का सर्वाधिक उत्पादन होता है.
गन्नों की कीमतों में इजाफा
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि यह गन्ने की ऐतिहासिक कीमत है और साल 2023-24 के गन्ने की एफारपी से यह लगभग आठ प्रतिशत और लागत से 107 प्रतिशत अधिक है, नया एफआरपी 10 फरवरी से प्रभावी होगा. जहां किसानों के गन्नों की कीमतों में इजाफा देखा जाएगा. केंद्र सरकार के इस फैसले से पांच करोड़ से अधिक गन्ना किसानों और चीनी क्षेत्र से जुड़े लाखों अन्य लोगों को फायदा मिलेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'देशभर के अपने किसान भाई-बहनों के कल्याण से जुड़े हर संकल्प को पूरा करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में गन्ना खरीद की कीमत में ऐतिहासिक बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है। इस कदम से हमारे करोड़ों गन्ना उत्पादक किसानों को लाभ होगा।" pic.twitter.com/Ha0EzNlnic
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 22, 2024
गन्ना खरीदने की कीमत में ऐतिहासिक बढ़ोतरी... पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'देशभर के अपने किसान भाई-बहनों के कल्याण से जुड़े हर संकल्प को पूरा करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है. इसी कड़ी में गन्ना खरीद की कीमत में ऐतिहासिक बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है. इस कदम से हमारे करोड़ों गन्ना उत्पादक किसानों को लाभ होगा."
विदेशी कंपनियां
केंद्र सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में ज्यादा विदेशी कंपनियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों में छूट देने की घोषणा की है. कैबिनेट फैसले के तहत बदलाव के बाद सैटेलाइट उपक्षेत्रों को तीन अलग-अलग गतिविधियों में बांट कर हर क्षेत्र के लिए विदेशी निवेश की सीमा परिभाशित की गई है. इसके साथ ही संचालन से संबंधित अंतरिक्ष क्षेत्र में सिर्फ सरकारी रूट के जरिए एफडीआई की सीमा 100 फीसदी है.