केंद्र सरकार ने खरीफ सत्र के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी को मंजूरी दी है। आज बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी आई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ संत्र 2023- 24 के लिए 1.08 लाख करोड़ रूपये की उर्वरक सब्सिडी को बुधवार को मंजूरी दे दी। सरकार खरीफ सत्र में किसानों को मौजूदा कीमतों पर मृदा पोषक तत्वों की उपल्धता सुनिश्चित करने के लिए उर्वरक संब्सिडी पर कुल 1.08 लाख करोड़ रूपये खर्च करेगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि 'कैबिनेट ने तय किया है कि सरकार खाद के दाम नहीं बढ़ाएगी। कैबिनेट ने खरीफ सीजन के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी को मंजूरी दी है। सरकार यूरिया के लिए 70,000 करोड़ रुपये और डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) के लिए 38,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। हमारी सरकार के लिए यह जरूरी है कि देश के किसानों को समय पर खाद मिले और अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद के दाम घटने पर बोझ न उठाना पड़े। पिछले साल सरकार के बजट में उर्वरक सब्सिडी पर 2.56 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए।'
केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि 'देश में 325 से 350 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपयोग होता है। 100 से 125 लाख मीट्रिक टन DAP और NPK को उपयोग होता है। 50-60 लाख मीट्रिक टन MOP का इस्तेमाल होता है। किसानों को समय पर खाद मिले इसके लिए मोदी सरकार ने सब्सिडी बढ़ाई पर MRP नहीं बढ़े। खरीफ फसलों के लिए सरकार ने तय किया है कि भारत सरकार खाद की कीमत नहीं बढ़ाएगी। भारत सरकार खरीफ सीजन की फसल के लिए सब्सिडी में 1 लाख 8 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। First Updated : Wednesday, 17 May 2023