Rice Price: घरेलू बाजार में चावल की कीमतों को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है, जिससे बाजार में चावल की कीमतें कम होंगी और ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी. केंद्र सरकार ने चावल उद्योग संघ को तत्काल प्रभाव से चावल की खुदरा कीमत कम करने का निर्देश दिया है. इस संबंध में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा ने गैर-बासमती चावल के घरेलू मूल्य परिदृश्य की समीक्षा के लिए एक बैठक बुलाई थी. इसमें ये निर्देश जारी किए गए हैं.
बैठक में चोपड़ा ने उद्योग जगत से घरेलू बाजार में कीमतों को उचित स्तर पर लाने के लिए कदम उठाने को कहा. मीडिया में जारी बयान में कहा गया है कि उद्योग संघों को सलाह दी गई है कि वे अपने संघ के सदस्यों के साथ इस मुद्दे को उठाएं और सुनिश्चित करें कि चावल की खुदरा कीमत तत्काल प्रभाव से कम हो. इस दौरान अच्छी ख़रीफ़ फसल, भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास पर्याप्त भंडार और घरेलू बाज़ार में चावल के निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद घरेलू बाज़ार में गैर-बासमती चावल की कीमतें क्यों बढ़ गईं.
सरकार द्वारा गौर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद कीमतों में बढ़ोतरी चिंता का विषय है. पिछले दो वर्षों में चावल की वार्षिक मुद्रास्फीति दर में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है. चावल की कीमतों में जारी बढ़ोतरी को लेकर सरकार अब सख्त हो गई है और इस पर काबू पाने के लिए कमर कस ली है. सरकार की ओर से दिए गए निर्देश में कहा गया है कि हमारे पास अच्छी गुणवत्ता वाले चावल का भंडार है. इसे ओपन मार्केट सेल्स स्कीम के तहत व्यापारियों और प्रोसेसर्स को 29 रुपये प्रति किलो के हिसाब से भी बेचा जा रहा है, फिर भी खुदरा बाजार में यह 43 से 50 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है. First Updated : Tuesday, 19 December 2023