जम्मू-कश्मीर पर केंद्र का बड़ा कदम, उपराज्यपाल की शक्तियों में इजाफा
Amended In J&K Reorganization Act: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल की शक्ति में इजाफा किया है. इसके लिए मंत्रालय ने कामकाज के नियम में संशोधन किया है. संशोधन के तहत पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था, अखिल भारतीय सेवा के मामलों में उप राज्यपाल को अधिक अधिकार दिए गए हैं. इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिए गए हैं.
Amended In J&K Reorganization Act: शुक्रवार को केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन करके उपराज्यपाल की शक्ति में इजाफा किया है. इससे पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित मामलों में उपराज्यपाल को अधिक अधिकार मिल जाएंगे और उपराज्यपाल का दायरा और बढ़ जाएगा. इन बदलावों के बाद इन सभी क्षेत्रों में उपराज्यपाल को उन सभी मामलों में अधिकार मिलेगे जिसमें वित्त विभाग की पूर्व सहमति की आवश्यकता होती है.
अधिसूचना के अनुसार, मंत्रालय ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 में संशोधन किया है. इसके नए नियमों को अधिसूचित किया गया है. इसमें उपराज्यपाल को अधिक शक्ति प्रदान करने वाले नियम जोड़े गए हैं.
क्या बदलाव हुए हैं?
जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, 42A और 42B को जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में जोड़े गए हैं. 42A के तहत पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था, अखिल भारतीय सेवा और ACB के मामले में वित्त विभाग तब तक स्वीकृति अस्वीकृति नहीं दे सकता . जब तक ये मामला राज्यपाल के पास न पहुंचे. इसके साथ ही. वहीं 42B में कहा गया है कि अभियोजन स्वीकृति या अस्वीकार या फिर अपील दायर के संबंध में कोई भी प्रस्ताव विधि विभाग द्वारा उपराज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा.
सरकार से ज्यादा ताकत
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 के तहत हुए बदलावों के कारण दिल्ली के उपराज्यपाल की तरह ही जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के पास ताकत होगी. यानी प्रदेश में अब LG सबसे ज्यादा पावर फुल होंगे. अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में भी उनका दखल होगा. यानी उनकी मंजूरी के बिना राज्य में कोई काम नहीं हो पाएगा.
'मांगनी पड़ेगी भीख'
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 के तहत बदलावों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कहा कि चुनाव नजदीक हैं. यही कारण है कि केंद्र सरकार ऐसे फैसले ले रही है. जम्मू-कश्मीर के लोगों को शक्तिहीन किया जा रहा है. अब राज्य सरकार को चपरासी की नियुक्ति के लिए LG से भीख मांगनी पड़ेगी.