Monsoon: केदारनाथ से लेकर केरल तक बारिश इस साल अपने रौद्र रूप दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. देश में हर दिन बारिश देखने को मिल रहा है. हालांकि रोज-राज बारिश होने से परेशान हो गए हैं. इस बीच मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने जानकारी दी है कि यह सिलसिला अभी भी थमने वाले नहीं है. जानकारों के मुताबिक यह सितंबर के अंत तक जाएगी या फिर उसके और आगे तक देखने को मिल सकती है.
हालांकि, ज्यादा बारिश होने से फसलों को नुकसान होगा. इस मौसम में चावल, कपास, सोयाबीन, मक्का और दालों की खेती होती है जिस पर बारिश का असर देखने को मिल सकता है. अगर बारिश हुई तो इन फसलों की कटाई में बाधा आ सकती है. हालांकि, एक फसल को जहां नुकसान होगा वहीं दूसरे फसल को इससे फायदा होगा.
मौसम विभाग के सीनियर साइंटिस्ट ने कहा, 'सितंबर के तीसरे हफ्ते में लो प्रेशर सिस्टम बनता दिख रहा है जिसकी वजह से मानसून की विदाई में देरी हो सकती है. भारत गेहूं और चीनी और चावल के उत्पादन के लिए दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है. ऐसे में अगर मानसून की विदाई देरी से होती है तो इससे फसलों को नुकसान हो सकता है. मानसून जून में शुरू होता है और 17 सितंबर तक खत्म हो जाता है लेकिन इस बार यह अक्टूबर के लास्ट तक खत्म होता दिखाई दे रहा है.
हर साल भारत में मानसून पानी की जरूरत का 70% हिस्सा लेकर आता है इससे खेती पर निर्भर रहने वाले किसानों को खेती करने में काफी मदद मिलती है. भारत में आधे से ज्यादा किसान मानसून पर निर्भर रहते हैं. हालांकि, इस बार बारिश का दौर अक्टूबर तक जारी रहेगा. मौसम विभाग के सीनियर साइंटिस्ट ने बताया कि सितंबर अक्टूबर की बारिश ला नीना वेदर सिस्टम की वजह से होगी इसमें मानसून के जाने में देरी हो सकती है.
बता दें कि इस बार पूरे देश में जून के पहले हफ्ते में सात फीसदी ज्यादा बारिश हुई. कुछ राज्यों में औसत से 66 फीसदी से भी ज्यादा हुई जिससे बाढ़ जैसी नौबत आई. ऐसे में अगर सितंबर के तीसरे और चौथे हफ्ते में बारिश होती है, तो इसका असर गर्मियों में लगाई गई फसल पर पड़ेगा और फसल खराब हुई तो इससे खाद्य सामग्री की महंगाई बढ़ने का आसार है.
First Updated : Saturday, 31 August 2024