Cyber Crime: आईआईटी कानपुर-इनक्यूबेटेड स्टार्टअप के एक अध्ययन के मुताबिक, जनवरी 2020 से जून 2023 तक देश में 75 प्रतिशत से अधिक साइबर अपराध वित्तीय धोखाधड़ी के हुए, जिनमें से लगभग 50 प्रतिशत मामले यूपीआई और इंटरनेट बैंकिंग से संबंधित थे. अध्ययन में यह भी सामने आया है कि इस अवधि के दौरान ऑनलाइन अपराधों में 12 प्रतिशत मामले सोशल मीडिया से संबंधित अपराधों जैसे कि क्लोनिंग के जरिये धोखाधड़ी, साइबर बुलिंग, सेक्सटिंग और ईमेल फिशिंग के थे.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर में स्थापित एक गैर-लाभकारी स्टार्ट-अप ‘फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन' (FCRF) ने अपने नए अनुसंधान ‘ए डीप डाइव इनटू साइबर क्राइम ट्रेंड्स इम्पैक्टिंग इंडिया' में इसका उल्लेख किया है.
47.25 प्रतिशत मामले यूपीआई से संबंधित
इस रिपोर्ट के मुताबिक, ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी इस अवधि के दौरान अधिकतम 77.41 प्रतिशत अपराधों के लिए जिम्मेदार है. एफसीआरएफ ने कहा कि यह श्रेणी एक मुख्य चिंता का विषय है और ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन से संबंधित धोखाधड़ी के मामले अधिक है. उसने कहा, ‘‘उपश्रेणियों में डेबिट/क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, इंटरनेट बैंकिंग से संबंधित धोखाधड़ी और यूपीआई से संबंधित धोखाधड़ी के 47.25 प्रतिशत मामले शामिल हैं.''
एफसीआरएफ ने कहा कि ये आंकड़े ऑनलाइन किए गए वित्तीय लेन-देन की सुरक्षा के लिए मजबूत साइबर सुरक्षा उपाय अपनाये जाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं. स्टार्टअप के अध्यन रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया से संबंधित अपराधों में 12.02 प्रतिशत मामले ऑनलाइन अपराध से संबंधित हैं.
साइबर अपराध को समझना महत्वपूर्ण
एफसीआरएफ के सह-संस्थापक हर्षवर्द्धन सिंह ने कहा, ‘‘भारत में साइबर अपराधों के बदलते परिदृश्य को समझना कानून लागू करने वाली एजेंसियों, व्यक्तियों, व्यवसायों और नीति निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण है. यह रिपोर्ट न केवल साइबर अपराधों पर प्रकाश डालती है, बल्कि इन खतरों से निपटने के प्रयासों को भी रेखांकित करती है.''
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे साइबर अपराधियों की रणनीति भी आगे बढ़ रही है, जिससे सभी हितधारकों के लिए जागरूक और सतर्क रहना आवश्यक हो गया है.'' First Updated : Monday, 18 September 2023