देश के सबसे कुख्यात नक्सली और झारखंड के प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के सुप्रीमो दिनेश गोप को एनआईए और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने रविवार को नई दिल्ली गिरफ्तार किया है। एनआईए दिनेश गोप को पूछताछ के लिए रांची लेकर आई है। झारखंड सरकार ने दिनेश गोप पर 25 लाख रुपये और एनआईए ने 5 लाख रूपये का इनाम रखा हुआ था।
एनआईए की जांच के अनुसार, दिनेश गोप के खिलाफ झारखंड, बिहार और ओडिशा में 100 से ज्यादा आपराधिक केस दर्ज है। इनमें से ज्यादातर मामले हत्या, अपहरण, धमकी, जबरन वसूली और पीएलएफआई के लिए धन जुटाने से जुड़े है। पीएलएफआई एक माओवादी संगठन है और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी (सीपीआई-माओवादी) का एक अलग समूह भी है।
एनआईए, झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ पिछले 15 सालों से दिनेश गोप की तलाश कर रही थी। इससे पहले 3 फरवरी, 2022 को झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदरी पुलिस थाना क्षेत्र में दिनेश के नेतृत्व वाले नक्सलियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में दिनेश गोप भागने में कामयाब रहा। इसके बाद से ही वह फरार चल रहा था। एजेंसियां लगातार उसकी तलाश कर रही थी। दिनेश गोप झारखंड में पीएलएफआई के गढ़ को फिर से स्थपित करने के लिए अलग-अलग स्थानों पर शरण ले रहा था।
पीएलएफआई लीडर दिनेश गोप को गिरफ्तार करने के बाद नई दिल्ली से रांची लाया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनआईए के अधिकारी दिनेश गोप से किसी गुप्त स्थान पर पूछताछ कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पूछताछ के बाद गोप को अदालत में पेश कर उसे रिमांड पर लेने की संभावना है। First Updated : Sunday, 21 May 2023