MP Raghav Chadha ने संजय सिंह के सस्पेंशन पर जताया कड़ा विरोध, बोले- क्या चर्चा की मांग करना अपराध है?
राघव चड्ढा ने राज्यसभा सांसद संजय सिंह के सस्पेंशन पर कड़ा विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि मैं जानना चाहता हूं कि उन्होंने ऐसा कौन सा अपराध किया है जो उन्हें सस्पेंड किया गया. क्या चर्चा की मांग करना अपराध है.
राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने संजय सिंह के सस्पेंशन पर कड़ा विरोध का ज़ाहिर किया है. साथ ही उन्होंने सवाल किया है कि क्या चर्चा करने की माँग करना कोई जुर्म है. इस मौक़े पर उन्होंने राज्यसभा स्पीकर से कई सवाल भी पूछे हैं. चड्ढा ने कहा कि चेयरमैन साहब ने हमारी ओर नहीं देखा, संजय सिंह को तो छोड़िए उन्होंने विपक्ष की ओर ही नहीं देखा.
दरअसल संजय सिंह ने राज्यसभा में मणिपुर वायरल वीडियो को लेकर सरकार से जवाब तलब किया था. जिसको बाद संसद में हंगामा हुआ और सभापति ने संजय सिंह सस्पेंड कर दिया. इस मुद्दे पर बोलते हुए राघव चड्ढा ने कहा, "मणिपुर में हो रही हैवानियत की घटनाओं पर सरकार से जवाब मांगने के लिए आम आदमी पार्टी और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने लगातार चेयरमैन साहब से आग्रह किया कि मणिपुर के विषय पर चर्चा हो और सरकार जबाव दे कि हमारे देश का एक अभिन्न अंग हमारा एक महत्वपूर्ण बार्डर राज्य क्यों जल रहा है. वहां की परिस्थिति क्या है? दोनों जगह भाजपा की सरकार है. डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद मणिपुर क्यों जल रहा है. ये चिंता व्यक्त करते हुए सदन में मांग की है.
Manipur से तड़पती महिलाओं की आवाज़ की गूंज अगर भाजपा के नेताओं तक पहुंचाना @SanjayAzadSln जी का गुनाह है, तो उन्हें ही क्यों विपक्ष के सभी सांसदों को बर्खास्त करो।
— AAP (@AamAadmiParty) July 24, 2023
लोकतंत्र में अगर सत्ता पक्ष और विपक्ष अहम मुद्दों पर चर्चा नहीं कर सकता तो फिर लोकतंत्र का मतलब ही क्या रह जाता है!… pic.twitter.com/vrxLqep4mc
राघव चड्डा ने आगे कहा कि. सदन की कार्यवाही जब शुरु हुई तो संजय सिंह अपनी ही निर्धारित जगह पर खड़े होकर मांग करते रहे, और देखते रहे कि कब उन्हें अपनी बात रखने का मौका मिले. लेकिन चेयरमैन साहब ने हमारी ओर नहीं देखा, संजय सिंह को तो छोड़िए उन्होंने विपक्ष की ओर ही नहीं देखा. फिर लगभग 10 मिनट इंतजार किया, संजय सिंह चेयर मैन के पास गए और विनती करने का प्रयास किया की मणिपुर पर चर्चा कराई जाए.
उन्होंने कहा, "नियम 267 के तहत मणिपुर के विषय पर चर्चा हो. लेकिन दुख की बात यह है कि जैसे ही वो अपनी चेयर छोड़कर आगे बढ़े, चेयरमैन साहब ने उन्हे सस्पेंड कर दिया. राघव चड्ढा ने कहा कि लोकतंत्र में अगर सत्ता पक्ष विपक्ष बहस नहीं कर सकता है चर्चा नहीं कर सकता तो फिर लोकतंत्र का मतलब क्या रह जाता है,
साथ ही उन्होंने कहा कि मैं जानना चाहता हूं कि उन्होंने ऐसा कौन सा अपराध किया है जो उन्हें सस्पेंड किया गया. क्या चर्चा की मांग करना अपराध है?, क्या मणिपुर के लोगों की आवाज उठाना अपराध है?. मणिपुर की बेटियों की चीखें भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के कानों तक पहुंचाना अगर अपराध है, तो संजय सिंह ही नहीं पूरे विपक्ष को सस्पेंड करिए"