रंगीन मिजाज इतना कि नाम ही पड़ गया रंगीला, 'घाघरा चोली' पहनकर आता था दरबार
Muhammad Shah Rangeela: मुहम्मद शाह रंगीला के बारे में कहा जाता है कि वो अपने दरबार में घाघरा चोली पहनकर आते थे.
Muhammad Shah Rangeela: भारत और मुग़लों का बहुत ही गहरा रिश्ता है, मुग़लों ने भारत को कई भव्य इमारतें दी, तो कहीं पर उनको जुल्म के लिए भी याद किया जाता है. मुग़लों के जीवन को जानने के लिए लोगों को काफी इच्छा रहती है, जिस तरह से वो शाही जीवन जीते थे, उनके अनौखे शौक लोगों में जानने की दिलचस्पी जगाते हैं. आज हम लेकर आए हैं एक ऐसे बादशाह का दिलचस्प किस्सा.
मुहम्मद शाह रंगीला
कई ऐसे मुगल शासक हुए जिनके बारे में कई ऐसी कहानियां हैं, जिन्हें सुनकर आप भी सोचेंगे कि ये राजाओं को ये कैसे शौक होते थे. ऐसी ही एक दिलचस्प कहानी है मुगल बादशाह मुहम्मद शाह रंगीला की. रंगीला को आज याद करने की वजह है उनकी मौत, 26 अप्रेल 1748 को सिर्फ 45 साल की उम्रमें हो गई थी. 1719 से 1748 तक शासक करने वाले रंगीला को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं, कहा जाता है कि उनका बहादुरी में से कोई लेना देना नहीं था.
घाघरा चोली पहनने वाला मुगल
मरकए-दिल्ली नाम की एक किताब के मुताबिक, मुहम्मद शाह रंगीला को शेरों शायरी और संगीत बहुत पसंद था. उनके सत्ता में आने के बाद मुगलों के पहनावे और भारतीय संगीत में भी बहुत बदलाव आया था. वहीं, मुहम्मद शाह रंगीला को लेकर कहा जाता है कि इनको औरतों के कपड़े पहनना बहुत भाता था. कई बार ऐसा होता था कि औरतों के कपड़ों में ही दरबार में चले आते थे.
कैसे बना 'रंगीला' बादशाह
1707 में जब औरंगजेब की मौत हुई तो दिल्ली में कोई बादशाह नहीं रहा. 1719 तक दिल्ली में कई बादशाहों मे गद्दी संभाली लेकिन समय-समय पर सब बदलते रहे. फिर 27 सितंबर 1719 को बादशाह की गद्दी पर बैठा रौशन अख्तर उर्फ़ मुहम्मद शाह जिसे बाद में मुहम्मद शाह रंगीला के नाम से जाना गया. मुहम्मद शाह को लेकर कहा जाता है कि वो इतने रंगीन मिजाज थे कि उनका नाम ही रंगीला पड़ गया. आपको बता दें कि जब वो गद्दी पर बैठे तब उनकी उम्र 16 साल थी.