मुख्तार अंसारी ये वो 5 खौफनाक किस्से, जिसने हिला दी थी सरकार
Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी ने यूपी में बड़ी दहशत फैला रखी थी. उसके अपराधों को देखते हुए सरकारें और लोग दोनों ही डरे रहते थे. मुख्तार के बहुत से चर्चित किस्से रहे हैं.
Mukhtar Ansari News: बाहुबली डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार को दिल का दौड़ा मरने से मृत्यु हो गई. मुख्तार की मौत के बाद पूरे यूपी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. माफिया मुख्तार के परिवार वालों ने इसे हत्या बताया है, उनका आरोप है कि मुख्तार अंसारी को जहर दिया गया है, जिससे उसकी मौत हो गई है. आज हम आपको मुख्तार अंसारी के उन खौफनाक किस्सों के बारे में बताएंगे जिसने सरकार हिला दी थी.
अवधेश राय हत्याकांड
अवधेश राय कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई थे. अवधेश की हत्या मुख्तार अंसारी के गैंग ने 3 अगस्त 1991 को की थी. वह अपने छोटे भाई अजय राय के साथ लहुराबीर स्थित अपने घर के बाहर खड़े थे. तभी अचानक मारुति वैन में सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसमें अवधेश राय की मौत हो गई. इस घटना के बाद पूर्वांचल के अपराध में मुख्तार अंसारी का बड़ा नाम हो गया. बड़े-बड़े लोग उससे खौफ खाने लगे. अवधेश चंदासी कोयला मंडी से वसूली में अड़ंगा बन गए थे. इसलिए उनकी हत्या कर दी गई.
कृष्णानंद राय हत्याकांड
मुख्तार अंसारी ने एक सिटिंग विधायक की हत्या करवा दी थी, 400 से अधिक गोलियां चली थीं. उस हत्याकांड में कुल 6 लोगों को अंसारी ने मौत के घाट उतार दिया था. साल 2002 में यह खेल शुरू हुआ. बीजेपी ने मुख्तार के गढ़ माने जाने वाले गाजीपुर जिले की मोहम्मदाबाद सीट से कृष्णानंद राय को टिकट दिया और उनकी जीत हुई. इसके बाद 2005 में एक कार्यक्रम के दौरान कृष्णानंद राय की हत्या कर दी गई.
शस्त्र मामला
मुख्तार अंसारी के पर अभियोजन पक्ष का आरोप था कि 10 जून, 1987 को दोनाली कारतूसी बंदूक के लाइसेंस के लिए जिला मजिस्ट्रेट के यहां आवेदन पत्र दिया था. जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर लिया था. ममाले की सुनवाई के दौरान गौरीशंकर श्रीवास्तव की मृत्यु होने के बाद 18 अगस्त 2021 को समाप्त कर दिया.
मन्ना सिंह हत्याकांड
कोतवाली क्षेत्र में ठेकेदार मन्ना सिंह और साथी राजेश राय की 29 अगस्त, 2009 में हत्या कर दी गई. बाइक सवार बदमाश तब आए थे और उन्होंने दोनों पर फायरिंग की. जिसमें उनकी मौत हो गई. फिरप चश्दीद गवाह राम सिंह मौर्य को 19 मार्च, 2010 को मऊ में मौत के घाट उतार दिया गया.
अन्य केस
मुख्तार अंसारी पर इन मामले के अलावा 1997 में गाजीपुर के एसपी शंकर जायसवाल पर जानलेवा हमला, 1997 में पूर्वांचल के सबसे बड़े कोयला कारोबारी रुंगटा का अपहरण ऐसे कई बड़े अपराध में मुख्तार का नाम जुड़ा है.