मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को आतंकवादी अजमल कसाब जैसा हश्र होने का डर

एनआईए अधिकारियों ने पुष्टि की है कि राणा फिलहाल पूछताछ के शुरुआती चरण में है. उसकी हिरासत के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए उसे दिल्ली से कहीं और ले जाने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. राणा को दिन में पांच बार नमाज अदा करने की अनुमति दी गई है तथा उन्हें निर्धारित नियमों के अनुसार भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों का मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा को डर सता रहा है कि उसका हश्र भी अजमल कसाब जैसा हो सकता है. अजमल कसाब को 2012 में फांसी दे दी गई. वह 26/11 का एकमात्र जीवित आतंकवादी था. बता दें कि तहव्वुर राणा एनआईए की हिरासत में है. राणा से जांच एजेंसी 10-10 घंटे तक पूछताछ कर रही है. लगभग 16 साल जेल में बिताने के बाद  भारत प्रत्यर्पित किए जाने से पहले जेल में बंद राणा अब भारतीय न्यायिक प्रणाली को समझने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. 

रिपोर्ट के अनुसार, वह अक्सर अधिकारियों से कानूनी प्रक्रिया, परीक्षण अवधि और उसके खिलाफ मामले के संभावित परिणामों के बारे में सवाल करता रहता है. अदालत के दिशानिर्देशों के मुताबिक, सरकार द्वारा नियुक्त दो वकीलों ने हाल ही में राणा से मुलाकात की और आरोपों के बारे में बताया तथा कानूनी कार्यवाही के बारे में जानकारी दी. इस बातचीत के दौरान, वह मामले में अगले कदमों के बारे में विशेष रूप से चिंतित दिखाई दिए और कहा जाता है कि वह अपने खिलाफ दायर आरोपों की प्रत्येक धारा की सावधानीपूर्वक समीक्षा कर रहे हैं.

शुरूआती चरण में है पूछताछ

एनआईए अधिकारियों ने पुष्टि की है कि राणा फिलहाल पूछताछ के शुरुआती चरण में है. उसकी हिरासत के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए उसे दिल्ली से कहीं और ले जाने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. राणा को दिन में पांच बार नमाज अदा करने की अनुमति दी गई है तथा उन्हें निर्धारित नियमों के अनुसार भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है.

अरब सागर के रास्ते मुंबई में हुए थे दाखिल

राणा का प्रत्यर्पण 26/11 मुंबई हमलों की जांच में एक बड़ी सफलता है, जिसमें 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन, ताज महल और ओबेरॉय-ट्राइडेंट होटल और एक यहूदी केंद्र सहित प्रमुख स्थानों पर समन्वित हमलों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया था. आतंकवादियों ने अरब सागर के रास्ते मुंबई में घुसपैठ की और लगभग 60 घंटे की घेराबंदी में 166 लोग मारे गए.

तहव्वुर राणा ने मांगी ये तीन चीजें

सूत्रों के हवाले से बताया कि राणा ने अब तक केवल तीन चीजें मांगी हैं - एक कलम, कागज़ या नोटपैड और कुरान, जो उसे दिल्ली में सीजीओ कॉम्प्लेक्स में आतंकवाद-रोधी एजेंसी के मुख्यालय के अंदर उच्च सुरक्षा वाले सेल में उपलब्ध करा दी गई हैं. एनआईए ने 11 नवंबर, 2009 को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 121 ए, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 18 और सार्क कन्वेंशन (आतंकवाद दमन) अधिनियम की धारा 6 (2) के तहत मामला दर्ज किया था.

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14 April 2025, 10:36 PM IST

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