मुर्शिदाबाद हिंसा: इंटरनेट सेवाएं बंद, 150 से ज्यादा गिरफ्तार, क्या प्रशासन काबू पा पाएगा?
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन में स्थिति बिगड़ गई है. पुलिस ने अब तक 150 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि कई इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है. हिंसा के बाद से सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है और छापेमारी भी की जा रही है. क्या प्रशासन हालात पर काबू पा पाएगा? जानें पूरी जानकारी!

Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन लगातार उग्र हो रहे हैं. मुर्शिदाबाद और उसके आसपास के इलाकों में हुई हिंसा ने हालात को काफी बिगाड़ दिया था. पुलिस ने अब तक 150 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है. रविवार को भी पुलिस ने रात में छापेमारी करते हुए 12 और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया, जिससे गिरफ्तारियों की संख्या बढ़कर 150 हो गई.
क्या है वक्फ संशोधन अधिनियम का विवाद?
वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर पश्चिम बंगाल में विरोध हो रहा है. यह कानून मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों से संबंधित है, और इसे लेकर कई जगहों पर हिंसा की घटनाएं हुईं. प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी गई, सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंके गए और कई प्रमुख मार्ग बंद कर दिए गए थे. मुर्शिदाबाद में हिंसा के चलते तीन लोगों की जान चली गई, जिनमें एक पिता-पुत्र भी शामिल थे. इसके अलावा, 18 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए.
#WATCH | Murshidabad violence | West Bengal | Inspector General of South Bengal Frontier, BSF, Karni Singh Shekhawat reached the violence-hit area after the Calcutta High Court ordered deployment of central forces in the affected area. (12.04) pic.twitter.com/9smP0vfTAh
— ANI (@ANI) April 12, 2025
इंटरनेट सेवाएं बंद, जांच जारी
हिंसा के बढ़ते असर को देखते हुए मुर्शिदाबाद और अन्य प्रभावित इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. इसके अलावा, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) की धारा 163 के तहत कई प्रतिबंध भी लगाए गए हैं. सुरक्षाबल सड़कों पर गश्त कर रहे हैं और वाहनों की जांच की जा रही है. पुलिस ने चेतावनी दी है कि अगर हिंसा जारी रही, तो और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं.
रात में छापेमारी, अब तक 150 गिरफ्तार
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मुर्शिदाबाद के सूती, धुलियां, समसेरगंज और जंगईपुर जैसे इलाकों में स्थिति अब शांतिपूर्ण है. हालांकि, सुरक्षा बल लगातार हर जगह पैनी नजर बनाए हुए हैं. रात में पुलिस ने इन इलाकों में छापेमारी की, जिससे हिंसा में शामिल 12 और लोगों को हिरासत में लिया गया. यह साफ संकेत है कि प्रशासन हिंसा को पूरी तरह से रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है.
#WATCH | Murshidabad | A local, Manoj Ghosh says, "They burnt the shops and vandalised houses. We want BSF presence here permanently if things are to be peaceful... A police station is very close to here, but they didn't come." https://t.co/kcepFkV4i1 pic.twitter.com/44OWmmtkIz
— ANI (@ANI) April 13, 2025
हिंसा में 3 की मौत, 18 पुलिसकर्मी घायल
विकास की सबसे दुखद खबर यह है कि शुक्रवार को शुरू हुई हिंसा के दौरान मुर्शिदाबाद में 3 लोगों की जान चली गई. समसेरगंज के जाफराबाद में पिता और पुत्र के शव मिले थे, जिनका चाकू से मर्डर किया गया था. मृतकों की पहचान हरगोबिंदो दास और चंदन दास के रूप में की गई. इसके अलावा, सूती में एक और युवक की गोली लगने से मौत हो गई, और हिंसा में 18 पुलिसकर्मी भी घायल हुए.
पुलिस की सतर्कता और सुरक्षा कदम
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि हिंसा के बढ़ते असर को देखते हुए उनकी टीम पूरी तरह से अलर्ट है. सुरक्षाबल और पुलिस के अधिकारी इलाके में गश्त कर रहे हैं और उनकी कोशिश है कि जल्दी ही स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सके. प्रशासन का कहना है कि 'कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी' और लोगों से अपील की गई है कि वे शांत रहें और अफवाहों पर विश्वास न करें.
केंद्र सरकार और राज्य सरकार का समर्थन
केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा है कि वे स्थिति को गंभीरता से ले रहे हैं और स्थानीय प्रशासन को सभी प्रकार की सहायता देने के लिए तैयार हैं. एक तरफ जहां राज्य सरकार ने स्थिति को शांत करने के लिए सुरक्षाबल तैनात किए हैं, वहीं दूसरी तरफ केंद्र ने भी स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए और अधिक सुरक्षा उपायों की सिफारिश की है.