धर्म से मुस्लिम, दिल से बताते हैं पहाड़ी, रुला देगी उत्तराखंड के इस गांव की कहानी

Viral Story: भारत एक ऐसा देश है जहां सभी धर्मों और समुदायों के लोग एक साथ रहते हैं, इसीलिए इसे अनेकता में एकता का सबसे बड़ा उदाहरण माना जाता है, लेकिन आज हम आपको उत्तराखंड के एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां के लोग धर्म से तो मुस्लिम हैं लेकिन दिल से खुद को पहाड़ी कहते हैं.

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Muslim Village: भारत विविधता में एकता का जीता-जागता उदाहरण है. उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में एक ऐसा गांव है, जहां सभी निवासी मुस्लिम हैं, लेकिन उनकी जीवनशैली और संस्कृति पूरी तरह पहाड़ी है. गुमखाल और दुगड्डा के नजदीक स्थित इस गांव का नाम भैड़गांव है. यहां पहुंचने पर कोई भी यह अंदाजा नहीं लगा सकता कि यह मुस्लिम समुदाय का गांव है, क्योंकि यहां के घर, बोली और पहनावा सबकुछ पहाड़ी संस्कृति से जुड़ा हुआ है.

खेतों और गाय पालन से जुड़ा जीवन

आपको बता दें कि भैड़गांव के लोग पारंपरिक पहाड़ी जीवन जीते हैं. गांव के हर परिवार के पास अपने खेत हैं, जहां हर साल अलग-अलग फसलें उगाई जाती हैं. इसके अलावा, यहां के लोग गाय पालन में भी रुचि रखते हैं. गाय का दूध न केवल उनके परिवार की जरूरतें पूरी करता है, बल्कि कुछ लोग इसे बेचकर अपनी आय भी बढ़ाते हैं.

बोली और पहनावे में झलकती पहाड़ी संस्कृति

हालांकि यह गांव मुस्लिमों का है, लेकिन यहां के लोग पूरी तरह पहाड़ी बन चुके हैं. वे गढ़वाली बोली बोलते हैं और उनका पहनावा भी पारंपरिक पहाड़ी लोगों जैसा ही है. गांव में एक मस्जिद है, जहां वे इबादत करते हैं, लेकिन उनकी जीवनशैली और स्थानीय लोगों के साथ उनका लगाव यह साबित करता है कि धर्म से परे इंसानियत ही असली पहचान है.

इतिहास और पहचान

बताते चले कि भैड़गांव में रहने वाले मुस्लिम परिवारों के पूर्वज नजीबाबाद और राजस्थान से आए थे. यहां अब उनकी 9वीं पीढ़ी रह रही है. गांव के लोग बताते हैं कि पहाड़ की हवा और पानी उनके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है. यही कारण है कि लोग नौकरी छोड़ने के बाद अपने गांव लौट आते हैं.

पर्यटकों और यूट्यूबर्स के लिए आकर्षण

इसके अलावा आपको बता दें कि उत्तराखंड के अन्य खाली हो रहे गांवों के विपरीत, भैड़गांव में आज भी 50 परिवार बसते हैं. इस गांव की खासियत इसे पूरे उत्तराखंड में मशहूर बनाती है. यहां की संस्कृति और पहाड़ी मुस्लिमों का जीवन देखने के लिए यूट्यूबर्स और पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है. First Updated : Friday, 13 December 2024