Citizenship Amendment Act: नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया सामने आई है. ओवैसी ने कहा कि सीएए से दलित और मुसलमानों समेत विभिन्न समुदायों के लोगों को परेशान करने के अलावा कोई काम नहीं है. साथ ही ओवैसी ने कहा कि यह कानून धर्म पर आधारित है.
ओवैसी ने कहा कि हम कभी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू, सिख और बौद्धों की भारत में वापसी के खिलाफ कभी नहीं रहे हैं. लेकिन सीएए, एनपीआर और एनआरसी को कभी भी अलग करके नहीं देखा जा सकता है. इस कानून को सिरे से खारिज कर देना चाहिए. यह कानून मुस्लिमों, दलित समेत विभिन्न समुदाय को परेशान करने के लिए लाया जा रहा है.
गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को ईटी नाउ-ग्लोबल बिजनेस में कहा था कि अब इस देश में नागरिक संशोधन कानून लेकर मुस्लिम समाज को भ्रमाया जा रहा है. यही से उन्होंने ऐलान किया कि लोकसभा चुनाव से पहले भारत में सीएए लागू कर दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि अल्पसंख्यक समाज को परेशान होने के की जरूरत नहीं. क्योंकि नागरिकता नहीं जाने वाली है.
अमित शाह ने स्पष्टता के साथ कहा कि सीएए को चुनावों तक नोटिफाई कर दिया जाएगा और उसके लोकसभा चुनाव से पहले लागू कर दिया जाएगा. इसके लेकर किसी गहलतफहमी नहीं रहना चाहिए. शाह ने दावा किया कि यह कानून किसी की भी नागरिकता को खतरें में नहीं डालता है. इसको लेकर लगातार देश में अल्पसंख्यक समुदाय और विशेष कर मुस्लिमों को भड़काया जा रहा है. यह हमारे पड़ोसी देश में सताए गए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने में आसानी होगी. First Updated : Monday, 12 February 2024