असम में मुस्लिम विवाह कानून को किया गया रद्द, CM हिमंत ने पोस्ट के जरिए दी सूचना

असम के मुख्यमंत्री हिंमंता विश्व शर्मा ने आदेश देते हुए कहा कि असम ओरुनोदोई योजना के संबंध में मंत्री रंजीत कुमार दास और बिमल बोरा, अजंता नियोग, डॉ. रानोज पेगु सहित एक कैबिनेट उप-समिति का भी गठन किया गया है. यह समिति अगले एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. मुस्लिम विवाह कानून को रद्द राज्य में रद्द कर दिया गया, मगर मानसून सत्र के दौरान असम विधानसभा में भी पेश किया जाएगा.

JBT Desk
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असम सरकार की तरफ से आज यानी 18 जुलाई को एक बड़ा फैसला लिया गया है. जिसमें मुस्लिम विवाह कानून को रद्द कर दिया है. राज्य के वर्तमान सीएम हिंमंता विश्व शर्मा ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया एक्स पर दी है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'हमने बाल विवाह के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा उपाय करके अपनी बेटियों के साथ बहनों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है.'

बता दें कि आज असम कैबिनेट की बैठक में मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम के अलावा नियम 1935 को निरस्त करने का निर्णय लिया है. अब इस मुद्दे को विधानसभा में रखा जाएगा.

CM ने पोस्ट की मदद से रखी अपनी बात 

मिली जानकारी के अनुसार असम मुस्लिम विवाह और पंजीकरण अधिनियम 1935 को असम रिपेलिंग बिल 2024 के माध्यम से रद्द कर दिया गया है. जिसे मानसून सत्र में विधानसभा में पेश किया जाएगा. मुख्यमंत्री हिमंता ने एक्स पर लिखा कि हमने बाल विवाह के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा उपाय करके अपनी बेटियों और बहनों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. आगे लिखा कि आज असम कैबिनेट की बैठक में हमने असम निरसन विधेयक 2024 के माध्यम से असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम और नियम 1935 को निरस्त करने का निर्णय लिया है. 

मानसून सत्र में विधानसभा में होगा पेश 

असम कैबिनेट की तरफ से मंजूर असम रिपीलिंग अधिनियम को अब मानसून सत्र के दौरान असम विधानसभा में पेश किया जाएगा. वहीं कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया है कि असम में मुस्लिम विवाहों के पंजीकरण के लिए एक उपयुक्त कानून लाया जाएगा. जिस पर विधानसभा के अगले सत्र तक विचार विमर्श किया जाएगा.

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18 July 2024, 09:52 PM IST

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