मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लॉ कमीशन को लिखी चिट्ठी, राय देने के लिए मांगा छह महीने का समय

पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से यूसीसी को लेकर दिए बयान के बाद देशभर में इसकी चर्चा शुरू हो गई है. इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद फजलुर रहीम मुजद्दीदी ने लॉ कमीशन के सक्रेटरी को लेटर लिखा है.

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Uniform Civil Code: पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से यूसीसी को लेकर दिए बयान के बाद देशभर में इसकी चर्चा शुरू हो गई है. इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद फजलुर रहीम मुजद्दीदी ने लॉ कमीशन के सक्रेटरी को लेटर लिखा है.
 इस लेटर में  कहा कि समान नागरिक संहिता पर हम अपनी राय का ड्राफ्ट तैयार कर रहे हैं और इसे हम अंतिम रूप देने में लगे हैं, लेकिन हम आपसे राय देने के समय को कम से कम 6 महीने तक बढ़ाने का अनुरोध करते हैं. ऐसा इसलिए ताकि लोग, धार्मिक संगठन और हितधारक विचार दे सकें. 


UCC को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बैठक में अहम फैसला

पीएम नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता की जोरदार वकालत की है. जिसके बाद विपक्षी दलों से लेकर मुस्लिम संगठनों में भी खलबली मच गई है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आनन-फानन में देर रात इमर्जेंसी मीटिंग की. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मंगलवार देर रात बैठक हुई जो कि करीब तीन घंटे तक चली.

समान नागरिक संहिता को लेकर पीएम मोदी ने दिया था बड़ा बयान

देश में इन दिनों एक मुद्दा खूब तूल पकड़ा हुआ है. जिस पर जमकर सियासत हो रही है और इस अब इस सियासत के केंद्र में पीएम मोदी भी आ गए है. पीएम मोदी ने देश में समान नागरिक संहिता की चर्चा छेड़कर इसे राष्ट्रीय विमर्श का विषय बना दिया है. पीएम मोदी ने विपक्ष पर करारा वार करते हुए यूसीसी की जोरदार वकालत की है. पीएम मोदी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि, भूखी पार्टियां समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर मुसलमानों में भ्रम फैला रही हैं. सुप्रीम कोर्ट कहता है कि यूसीसी लागू करो लेकिन वोट बैंक के भूखे ये लोग नहीं चाहते हैं. इसके नाम पर लोगों को भड़काने का काम किया जा रहा है.

पीएम मोदी ने कहा कि अगर एक परिवार में सदस्यों के लिए अलग-अलग व्यवस्था हो तो परिवार नहीं चल सकता. ऐसे ही एक देश में लोगों के लिए अलग-अलग कानून कैसे हो सकता है? एक घर दो कानूनों से नहीं चल पाएगा, ठीक उसी तरह से एक देश में दो कानून नहीं हो सकते हैं. 

दरअसल लॉ कमीशन ने 14 जून को सभी हितधारकों और धार्मिक संगठनों से यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर विचार मांगे थे. जिसको लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बैठक के बाद ये फैसला लिया है. First Updated : Wednesday, 28 June 2023