सोमनाथ बुलडोजर एक्शन मामले में मुस्लिम युवक ने जमीन पर किया दावा, गुजरात सरकार पर लगाए आरोप

Supreme Court on Somnath Buldozer Action: गुजरात के गिर-सोमनाथ में बुलडोजर कार्रवाई को लेकर शुक्रवार (25 अक्टूबर 2024) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान एक मुस्लिम संगठन ने दावा किया कि उन्हें 1903 में यह जमीन दी गई थी. लेकिन गुजरात सरकार ने इस दावे को झूठा बताते हुए कहा कि यह जमीन सोमनाथ ट्रस्ट की थी, जिसे ट्रस्ट पहले ही सरकार को सौंप चुका है.

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Supreme Court on Somnath Buldozer Action:  गुजरात के गिर-सोमनाथ में बुलडोजर कार्रवाई को लेकर शुक्रवार (25 अक्टूबर 2024) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान एक मुस्लिम संगठन ने दावा किया कि उन्हें 1903 में यह जमीन दी गई थी. लेकिन गुजरात सरकार ने इस दावे को झूठा बताते हुए कहा कि यह जमीन सोमनाथ ट्रस्ट की थी, जिसे ट्रस्ट पहले ही सरकार को सौंप चुका है. सरकार ने कहा कि अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई लंबे समय से चल रही थी और याचिकाकर्ता झूठे दावे कर इसे सांप्रदायिक रंग दे रहा है.

गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह फिलहाल जमीन अपने पास रखेगी और इसे किसी तीसरे पक्ष को नहीं देगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को रिकॉर्ड पर लेते हुए कहा कि मामले में किसी अंतरिम आदेश की जरूरत नहीं है. कोर्ट ने कहा कि जिन याचिकाओं पर गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है, उन पर हाई कोर्ट ही फैसला करेगा.

अवमानना याचिका का मामला

1 अक्टूबर को पटनी मुस्लिम समाज ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी. इस याचिका में गिर सोमनाथ के कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी. याचिका में दरगाह मंगरोली शाह बाबा, ईदगाह और अन्य संरचनाओं के अवैध विध्वंस का जिक्र किया गया था.

बुलडोजर कार्रवाई पर रोक के आदेश

याचिका में यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर कार्रवाई पर रोक के आदेश के बावजूद बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की गई. 1 अक्टूबर को न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने इस मुद्दे पर सुनवाई की थी. यह मामला राजनीतिक रूप से भी गर्माया, जब एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला. First Updated : Friday, 25 October 2024