कोलकाता की घटना पर एनजीओ की रहस्यमयी चुप्पी—उपराष्ट्रपति ने उठाए बड़े सवाल
Kolkata Case: कोलकाता में हाल ही में एक बड़ी घटना घटी जिसने देश में काफी हड़कंप मचा रखा है. इस घटना के बाद एनजीओ की चुप्पी ने सबको हैरान कर दिया है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए सवाल उठाया है कि एनजीओ क्यों मौन हैं और उनकी इस चुप्पी के पीछे क्या वजह हो सकती है. इस स्थिति ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या एनजीओ अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से निभा रहे हैं या फिर कुछ छुपा रहें हैं.
Kolkata Case: हाल ही में कोलकाता में एक गंभीर घटना ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है. इस घटना ने समाज में हलचल मचा दी है. इसके साथ ही इस घटना ने एनजीओ की चुप्पी पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं. अब इस मामले पर उपराष्ट्रपति ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कई बातें कहीं है जिसने सबका ध्यान उस ओर खिंचा है. दरअसल उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस मामले पर चिंता जताते हुए पूछा है कि आखिर एनजीओ इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं?
NGO की चुप्पी पर उपराष्ट्रपति का सवाल
कोलकाता में एक महत्वपूर्ण घटना घटी जिससे कई लोग प्रभावित हुए और उनकी जान को खतरा हुआ. घटना के बाद, लोगों को उम्मीद थी कि एनजीओ और सामाजिक संगठनों की ओर से इस पर सक्रिय प्रतिक्रिया आएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. एनजीओ की चुप्पी ने लोगों को चिंतित कर दिया है और उपराष्ट्रपति ने इस पर सबका ध्यान आकर्षित किया है.
Certain NGOs that take to the road at the drop of a hat, are now in silence mode.
— Vice-President of India (@VPIndia) September 1, 2024
We have to question them. Their silence is much worse than the culpable act of the perpetrators of this heinous crime.
Those who seek to play politics and earn brownie points, who keep on writing… pic.twitter.com/fiPphacpab
क्या NGO अपनी जिम्मेदारी भूल गयी है: धनकड़
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि समाज में जब ऐसी गंभीर घटनाएं घटती हैं, तो एनजीओ की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है. इन संगठनों की जिम्मेदारी होती है कि वे आगे आकर पीड़ितों की मदद करें और घटना की गंभीरता को समझें. कोलकाता की घटना के संदर्भ में एनजीओ की चुप्पी ने यह सवाल उठाया है कि क्या ये संगठन अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रहे हैं या फिर उन्हें घटना की गंभीरता का अभी तक कोई एहसास नहीं है.
मामले की गंभीरता पर बोले धनकड़
इसके साथ ही धनखड़ ने कहा कि एनजीओ को समाज में घटित होने वाली गंभीर घटनाओं पर सक्रिय रूप से प्रतिक्रिया देनी चाहिए और पीड़ितों की मदद करनी चाहिए. उनका बयान यह दिखाता है कि सामाजिक संगठनों को अपनी भूमिका को गंभीरता से लेना चाहिए और समय पर अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए.