EC के आंकड़ों में 15 कॉर्पोरेट हस्तियों के नाम, इन्होंने खरीदे चुनावी बॉन्ड!
Electoral Bonds: EC के दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, 15 नाम ऐसे हैं जिनमें से कई बड़ी कॉर्पोरेट संस्थाओं में महत्वपूर्ण पदों पर हैं, जिन्होंने 158.65 करोड़ या कुल का 44.2% का दान दिया है.
Electoral Bonds: भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के चुनावी बॉन्ड डेटा के खुलासे से पता चलता है कि अप्रैल 2019 और जनवरी 2024 के बीच कुल 333 व्यक्तियों ने 358.91 करोड़ की राशि के बॉन्ड खरीदे. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, इन व्यक्तियों में से 15 शख्सियतें, जिनमें से कई बड़ी कॉर्पोरेट संस्थाओं में महत्वपूर्ण पदों पर हैं, उनका योगदान 158.65 करोड़ या कुल 44.2% है.
कौन हैं वो 15 लोग?
1- लक्ष्मी निवास मित्तल (आर्सेलरमित्तल) 35 करोड़
3- राहुल भाटिया (इंडिगो): 20 करोड़
4- इंदर ठाकुरदास जयसिंघानी (पॉलीकैब ग्रुप ऑफ कंपनीज) 14 करोड़
5- राजेश मन्नालाल अग्रवाल (अजंता फार्मा लिमिटेड) 13 करोड़
6- हरमेश राहुल जोशी और राहुल जगन्नाथ जोशी (ओम फ्रेट ग्रुप ऑफ कंपनीज) 10 करोड़ प्रत्येक
7- किरण मजूमदार शॉ (बायोकॉन) 6 करोड़
8- इंद्राणी पटनायक 5 करोड़
9- सुधाकर कांचरला (योडा ग्रुप) 5 करोड़
10- अभ्रजीत मित्रा (सीरॉक इंफ्राप्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड) 4.25 करोड़
11- सरोजित कुमार डे (जेडी एग्रो डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड) 3.4 करोड़
12- दिलीप रमनलाल ठाकर (समुद्र रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड; जेड मिनरल्स एंड माइंस प्राइवेट लिमिटेड) 3 करोड़
13- प्रकाश बलवंत मेंगने (श्रीनाथ स्टापत्या इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) 3 करोड़
14- निर्मल कुमार बथवाल (पेंगुइन ट्रेडिंग एंड एजेंसीज लिमिटेड) 2 करोड़
रविवार को जारी चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चला है कि लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन का फ्यूचर गेमिंग 1,368 करोड़ के चुनावी बांड का सबसे बड़ा खरीदार था, जिसमें से लगभग 37 प्रतिशत द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) को गया. ये विवरण 12 अप्रैल, 2019 से पहले की अवधि के लिए हैं. इस तिथि के बाद के चुनावी बांड विवरण पिछले सप्ताह चुनाव आयोग द्वारा सार्वजनिक किए गए थे.
कंपनी ने चुनावी बांड के जरिए तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके को 509 करोड़ का दान दिया. एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके के अन्य प्रमुख दानदाताओं में मेघा इंजीनियरिंग 105 करोड़, इंडिया सीमेंट्स 14 करोड़ और सन टीवी का 100 करोड़ हैं.
आंकड़ों से यह भी पता चला है कि 2018 में पेश किए जाने के बाद से भाजपा को इन बॉन्डों के जरिए 6,986.5 करोड़ की अधिकतम रकम मिली, इसके बाद पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (1,397 करोड़), कांग्रेस (1,334 करोड़) और बीआरएस (1,322 करोड़) मिले है.