Nari Shakti Vandan Bill: महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में बोलते हुए जहां एक तरफ गृह मंत्री अमित शाह ने महिलाओं के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र किया वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की पिछली सरकारों पर भी जमकर निशाना साधा. शाह ने कहा कि इस देश में पांच दशकों से अधिक समय तक कांग्रेस ने शासन किया लेकिन महिला आरक्षण बिल नहीं ला पाए.
अमित शाह ने इस दौरान कहा कि यह बिल युग बदलने वाला है. शाह ने कहा कि हो सकता है कि कुछ लोगों के लिए महिला आरक्षण बिल चुनाव जीतने का मुद्दा हो लेकिन हमारे लिए यह राजनीति नहीं बल्कि मान्यता का मुद्दा है.
शाह ने इस दौरान यह भी कहा कि पीएम मोदी ने भाजपा के अंदर महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिलाया. उन्होंने पीएम कहा देश की जनता ने जब मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाया और उन्होंने सीएम के पद से इस्तीफा दिया तो उनके खाते में जितना भी पैसा था उन्होंने उसे वर्ग 3 के अधिकारियों और बेटियों के खाते में भेज दिया.
देश में महिलाओं की बढ़ती भागेदारी का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि आज दुनिया भर में विमान उड़ाने वाली महिलाओं की संख्या 5% है जबकि भारत में यह संख्या 15% है.
महिला आरक्षण बिल के इतिहास का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह बिल पहली बार नहीं आया है. उन्होंने कहा कि देवगौड़ा जी से लेकर मनमोहन जी तक चार बार इस बिल को लाने के प्रयास हुए हैं. हालांकि इसपर उन्होंने प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि क्या मंशा अधूरी थी?
शाह ने कहा कि 12 सितंबर, 1986 को जब इस पर संशोधन आया तब कांग्रेस विपक्ष में थी. विधेयक को सदन में रखने के बाद गीता मुखर्जी की अध्यक्षता में समित को दे दिया गया, लेकिन विधेयक सदन तक ही नहीं पहुंच पाया.
आगे शाह ने कहा कि जब 11वीं लोकसभा आई तो विधेयक लैप्स हो गया. इसके बाद 12वीं लोकसभा में फिर से बिल को लाया गया तब अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार थी लेकिन यह बिल विलोपित हो गया. 13वीं लोकसभा में अटल जी के समय एक बार फिर यह बिल अनुच्छेद 107 के तहत विलोपित हो गया.
शाह ने आगे कहा इसके बाद मनमोहन सरकार बिल ले कर आए लेकिन विलोपित हो गया. इस दौरान शाह ने राहुल गांधी को भी घेरा और कहा कि देश को सरकार चलाती है सेक्रेटरी नहीं.
बहस के बाद लोकसभा से महिला आरक्षण बिल पास हो गया. इसमें इस बिल के पक्ष में कुल 454 वोट मिले जबकि विपक्ष में वोट देने वालों की संख्या महज 2 है. First Updated : Wednesday, 20 September 2023