National Youth Day 2025: हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है. स्वामी विवेकानंद, जिन्होंने भारतीय समाज और युवाओं को अपने विचारों से प्रेरित किया, आज भी देश के युवाओं के लिए मार्गदर्शक बने हुए हैं. उनका मानना था कि युवाओं में असीम ऊर्जा और क्षमता होती है, जो देश की प्रगति में योगदान दे सकती है. उन्होंने शिक्षा को ऐसा माध्यम माना, जो न केवल ज्ञान बल्कि नैतिक और आध्यात्मिक बल को भी बढ़ावा देता है. उनके विचार आज भी युवाओं को नई प्रेरणा और दृढ़ संकल्प प्रदान करते हैं.
1863 में 12 जनवरी को जन्में स्वामी विवेकानंद ने अपने विचारों और दर्शन से पूरी दुनिया में भारत की पहचान बनाई. वह युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत, महान विचारक और आध्यात्मिक गुरु थे. उनके गुरु, रामकृष्ण परमहंस, से मिली शिक्षा ने उनके विचारों को और गहनता दी. स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन को देश और समाज के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया. आइए, राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर उनके अनमोल विचारों से प्रेरणा लेते हैं.
स्वामी विवेकानंद की सबसे प्रसिद्ध पंक्तियों में से एक है: "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए."
यह कथन युवाओं को अपने सपनों को साकार करने की प्रेरणा देता है.
विवेकानंद का मानना था: "तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता और न ही कोई आध्यात्मिक बना सकता है. तुम्हें सब कुछ खुद भीतर से सीखना है. आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नहीं है."
उनके इस कथन से आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की सीख मिलती है.
उन्होंने कहा: "जिस प्रकार केवल एक बीज पूरे जंगल को पुनर्जीवित करने के लिए पर्याप्त है, ठीक उसी प्रकार से एक ही मनुष्य विश्व में बदलाव लाने के लिए पर्याप्त है."
यह कथन समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की प्रेरणा देता है.
स्वामी विवेकानंद ने कहा: "पहले हर अच्छी बात का मजाक बनता है, फिर विरोध होता है और अंत में उसे स्वीकार कर लिया जाता है."
यह पंक्ति चुनौतियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करती है.
उनकी पंक्तियां सिखाती हैं "बहुत सी कमियों के बाद भी हम खुद से प्रेम करते हैं तो दूसरों में एक कमी से घृणा कैसे कर सकते हैं."
यह कथन आपसी प्रेम और सहिष्णुता की सीख देता है.
विवेकानंद ने युवाओं की शक्ति को परिभाषित करते हुए कहा: "युवा वही होता है, जिसके हाथों में शक्ति, पैरों में गति, हृदय में ऊर्जा और आंखों में सपने होते हैं."
उन्होंने कहा: "जब तक आप स्वयं पर विश्वास नहीं करेंगे, तब तक आप ईश्वर पर विश्वास नहीं कर सकते."
यह पंक्ति आत्मनिर्भरता और दृढ़ विश्वास की प्रेरणा देती है.
विवेकानंद ने सिखाया: "यदि धन दूसरों की भलाई करने में मदद करता है तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा यह केवल बुराई का ढेर है, और इससे जितनी जल्दी छुटकारा पा लिया जाए उतना ही बेहतर है."
यह विचार समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना जगाता है.
स्वामी विवेकानंद के विचारों ने न केवल भारतीय युवाओं को बल्कि पूरी दुनिया को प्रेरित किया है. उनका जीवन और शिक्षाएं आज भी हमें नई ऊर्जा, आत्मविश्वास और संकल्प के साथ आगे बढ़ने का संदेश देती हैं. First Updated : Sunday, 12 January 2025