PM मोदी ने नंगे पांव किया जाप, 108 देशों ने लिया हिस्सा! आखिर क्यों है नवकार महामंत्र दिवस इतना खास
PM मोदी ने 'नवकार महामंत्र दिवस' पर एक खास कार्यक्रम में भाग लिया और इस दिन की अहमियत को समझाया. उन्होंने पारंपरिक रूप में लोगों के बीच बैठकर इस मंत्र का जाप किया. 108 देशों के लोग शांति और एकता के लिए इस जाप में शामिल हुए. जानें PM मोदी ने जैन धर्म और उसकी शिक्षाओं के बारे में क्या कहा और उन्होंने क्या खास प्रतिज्ञाएं लेने की अपील की!

Nava Kar Mantra Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 'नवकार महामंत्र दिवस' के मौके पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दिन PM मोदी बिना जूते के पहुंचे और मंच पर नहीं बल्कि आम लोगों के बीच बैठकर कार्यक्रम में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने पारंपरिक धोती और कुर्ता पहना था. PM मोदी ने नवकार महामंत्र के महत्व को समझाते हुए इस मंत्र के माध्यम से शांति, सद्भाव और पर्यावरण संरक्षण के संदेश को फैलाने की बात की.
नवकार महामंत्र का महत्व
नवकार महामंत्र, जिसे जैन धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है, आध्यात्मिक सद्भाव और नैतिक चेतना का प्रतीक है. इस दिन, 108 से ज्यादा देशों के लोग एकजुट होकर इस मंत्र का सामूहिक जाप करते हैं. PM मोदी ने इस दिन को वैश्विक शांति और एकजुटता का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि नवकार महामंत्र का जप ना सिर्फ आध्यात्मिक उन्नति करता है, बल्कि लोगों को एकजुट करने का भी एक माध्यम है.
विज्ञान भवन में नवकार महामंत्र दिवस के पावन अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी द्वारा नवकार महामंत्र का जाप — यह दृश्य केवल एक श्रद्धा का नहीं, बल्कि भारत की सनातन परंपराओं के प्रति उनके आदरभाव का प्रतीक है।
— Priyal Bhardwaj (@Ipriyalbhardwaj) April 9, 2025
एक ऐसा नेतृत्व जो विकास में अग्रणी है और आध्यात्मिक… pic.twitter.com/OBeryuGn0h
जैन धर्म की शिक्षा और उसका महत्व
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर जैन धर्म की अहम शिक्षाओं पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि जैन धर्म ने भारत की पहचान बनाने में अहम भूमिका निभाई है. इसके सिद्धांत, जैसे कि अनेकांतवाद (विभिन्न दृष्टिकोणों की सराहना करना) और पारस्परिक निर्भरता, दुनिया को शांति और सद्भाव के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देते हैं. मोदी ने कहा कि यह धर्म आतंकवाद, युद्ध और पर्यावरण संकट जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करता है.
जैन साहित्य और उसकी प्रासंगिकता
प्रधानमंत्री ने कहा कि जैन साहित्य भारत की आध्यात्मिक धरोहर का एक अहम हिस्सा है. उन्होंने अपनी सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए कहा कि जैन धर्म के ग्रंथों के डिजिटलीकरण और पाली और प्राकृत भाषाओं को शास्त्रीय भाषाओं के रूप में मान्यता देने की योजना बनाई जा रही है. यह कदम जैन धर्म की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए उठाया गया है.
प्रधानमंत्री ने की विशेष प्रतिज्ञाओं की अपील
इस कार्यक्रम के दौरान PM मोदी ने लोगों से कुछ खास प्रतिज्ञाएं लेने का भी आग्रह किया. इनमें जल संरक्षण, स्वच्छता को बढ़ावा देना, प्राकृतिक खेती अपनाना, मोटे अनाजों का सेवन बढ़ाना और गरीबों की मदद करना जैसी महत्वपूर्ण बातें शामिल थीं. उन्होंने लोगों से पर्यावरण की रक्षा करने और देश में एकता का संदेश फैलाने का आह्वान किया. इसके साथ ही मोदी ने सभी से "भारत माता की जय" कहने वाले किसी भी व्यक्ति को गले लगाने की भी अपील की.


