राजनाथ सिंह ने किया IOS सागर का फ्लैग-ऑफ, महासागर नीति को मिली नई रफ्तार
नेवल कमांडर्स कॉन्फ्रेंस 2025 का पहला चरण 5 अप्रैल को कारवार में शुरू हुआ, जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने IOS सागर मिशन का फ्लैग-ऑफ किया. INS सुयना 9 मित्र देशों के नौसैनिकों के साथ दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर की ओर रवाना हुआ. सम्मेलन का दूसरा चरण 7-10 अप्रैल तक दिल्ली में होगा, जहां नौसेना के आधुनिकीकरण, विदेश नीति और सैन्य समन्वय पर चर्चा होगी.

भारतीय नौसेना के शीर्ष रणनीतिक सम्मेलन, नेवल कमांडर्स कॉन्फ्रेंस 2025 का पहला चरण 5 अप्रैल को कर्नाटक के कारवार में शुरू हो गया है. यह सम्मेलन दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है. पहला चरण कारवार में और दूसरा चरण 7 से 10 अप्रैल तक नई दिल्ली में होगा. यह अर्धवार्षिक कार्यक्रम भारतीय नौसेना की रणनीतिक, संचालनात्मक और प्रशासनिक दिशा तय करने वाला एक अहम मंच है.
इस बार का सम्मेलन भारत को हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Region) में एक 'Preferred Security Partner' यानी विश्वसनीय सुरक्षा भागीदार के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह सम्मेलन भारतीय नौसेना की क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता में बढ़ती भूमिका को भी दर्शाएगा.
IOS सागर मिशन का कारवार से हुआ शुभारंभ
सम्मेलन की शुरुआत 'इंडियन ओशन शिप सागर' (IOS Sagar) के फ्लैग-ऑफ से हुई, जिसे माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 5 अप्रैल को कारवार से रवाना किया. यह मिशन भारत की 'MAHASAGAR' नीति Mutual and Holistic Advancement for Security Across the Regions के तहत मित्र देशों के साथ सहयोग की एक सशक्त पहल है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2025 में मॉरिशस यात्रा के दौरान की थी.
इस अभियान के तहत भारतीय नौसेना का जहाज INS सुयना (INS Sunayna) दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर क्षेत्र की ओर रवाना हुआ है, जिसमें भारत और 9 मित्र देशों के नौसैनिक कर्मी शामिल हैं कोमोरोस, केन्या, मेडागास्कर, मालदीव, मॉरिशस, मोज़ाम्बिक, सेशेल्स, श्रीलंका और तंजानिया.
प्रोजेक्ट सीबर्ड और परिचालन समीक्षा
फ्लैग-ऑफ के बाद रक्षा मंत्री ने प्रोजेक्ट सीबर्ड के तहत तैयार कई महत्वपूर्ण समुद्री अवसंरचनाओं और समर्थन सुविधाओं का उद्घाटन किया. इसके साथ ही उन्होंने नौसेना की वर्तमान ऑपरेशनल रेडीनेस और भविष्य की योजना की समीक्षा भी की.
दूसरा चरण: दिल्ली में रणनीतिक मंथन
सम्मेलन का दूसरा चरण 7 से 10 अप्रैल तक नई दिल्ली में होगा, जहां संचालन, लॉजिस्टिक्स, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक मामलों की गहन समीक्षा की जाएगी. इस चरण में थल सेना, वायु सेना और रक्षा स्टाफ के प्रमुख भी नौसेना कमांडरों के साथ बैठक करेंगे ताकि तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल और समन्वय सुनिश्चित किया जा सके.
विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय रणनीति पर चर्चा
सम्मेलन के दौरान नौसेना कमांडर विदेश सचिव श्री विक्रम मिस्री और भारत के G20 शेरपा व पूर्व नीति आयोग सीईओ श्री अमिताभ कांत के साथ भी संवाद करेंगे. यह चर्चा भारत की विदेश नीति, वैश्विक कूटनीतिक दृष्टिकोण और अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहभागिता को लेकर होगी.
आत्मनिर्भर नौसेना की दिशा में अग्रसर
सम्मेलन का एक प्रमुख उद्देश्य नौसेना के आधुनिकीकरण, स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता को मजबूती देना है. 'आत्मनिर्भर भारत' के विज़न को ध्यान में रखते हुए यह कार्यक्रम भारतीय नौसेना को ‘Combat Ready, Credible, Cohesive and Future Ready Force’ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.