Naveen patnaik: भारत में सबसे लंबे समय तक रहने वाले दूसरे सीएम बने नवीन पटनायक, इस नेता को पीछे छोड़ा
Odisha CM: रविवार (23 जुलाई) को ओडिशा के सीएम ने 23 साल चार महीने 19 दिनों के कार्यकाल के साथ भारत में किसी भी राज्य में सबसे लंबे समय तक लगातार पद पर बने रहने वाले दूसरे मुख्यमंत्री बने.
हाइलाइट
- सीएम नवीन पटनायक ने बनाया रिकाॅर्ड
- साल 2000 में बने थे ओडिशा के मुख्यमंत्री
- ज्योति बसु के रिकाॅर्ड को तोड़ा
Odisha CM Naveen Patnaik Record: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक रविवार (23 जुलाई) को भारत के किसी भी राज्य में सबसे लंबे समय तक लगातार पद पर बने रहने वाले दूसरे मुख्यमंत्री बन गए है. 5 मार्च 2000 को उन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया था. 23 साल चार महीने और 19 दिनों के इस कार्यकाल के साथ पूर्वी तटीय राज्य ओडिशा के लोगों की सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री के पद पर रह कर सेवा करने का रिकाॅर्ड उन्होंने अपने नाम दर्ज कराई है.
नवीन पटनायक से पहले ज्योति बसु के नाम था यह रिकार्ड
नवीन पटनायक ओडिशा के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए पिछले कई सालों से लगातार अपने राज्य के लोगों के लिए काम कर रहे हैं. भारत के दूसरे सबसे ज्यादा लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का रिकाॅर्ड उनसे पहले पश्चिम बंगाल के पूर्व वाममोर्चा के वरिष्ठ नेता ज्योति बसु के नाम था. ज्योति बसु ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में लगातार 23 सालों तक अपने राज्य के लोगों की सेवा की और साल 2000 में उन्होंने यह पद छोड़ दिया था. अब वह देश में किसी भी राज्य में सबसे लंबे समय तक बतौर मुख्यमंत्री लोगों की सेवा करने वाले मुख्यमंत्री की सूची में तीसरे नंबर पर है. ज्योति बसु 21 जून 1977 से 5 मई 2000 तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर चुके है.
पवन कुमार चामलिंग के नाम है सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकाॅर्ड
सबसे लंबे समय तक लगातार मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का रिकाॅर्ड अब सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग के पास है. चामलिंग सिक्किम के पांचवें मुख्यमंत्री के रूप में 12 दिसंबर 1994 से 26 मई 2019 के बीच 24 साल और 166 दिनों तक यानी देश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री के रूप में किसी राज्य का नेतृत्व करने का रिकॅार्ड अपने नाम दर्ज कर चुके हैं. सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट(SDF) के नेता पवन कुमार चामलिंग मई 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री नहीं बन पाए. सिक्किम की एक नई पार्टी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) 2019 में उनसे सत्ता छिनने में सफल रही.