छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमला, 7 जवान शहीद, शहीदों की संख्या बढ़ने की संभावना
Bijapur Naxal Attack: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में अम्बेली गांव के पास नक्सलियों ने सोमवार को एक सुरक्षा वाहन को निशाना बनाकर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट किया. यह हमला दोपहर करीब 2:15 बजे कुटरू पुलिस स्टेशन की सीमा में हुआ.
Bijapur Naxal Attack: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों की कायराना हरकत सामने आई है, जहां नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर एक वाहन को उड़ा दिया. इस हमले में 9 जवान शहीद हो गए. शहीदों में आठ दंतेवाड़ा डीआरजी के जवान और एक ड्राइवर शामिल हैं. बस्तर आईजी के मुताबिक, यह हमला उस समय हुआ, जब जवान दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर के संयुक्त ऑपरेशन से लौट रहे थे. इस घटना ने इलाके में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है. सरकार ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और नक्सलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है. घटना से इलाके में तनाव है और लोग जवानों की शहादत पर शोक मना रहे हैं.
2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार की योजनाएँ पूरी ताकत से लागू की जा रही हैं. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा.
जवानों की मुस्तैदी से मिल रही सफलता
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जवानों की सराहना करते हुए कहा कि सुरक्षा बल पूरी मुस्तैदी के साथ नक्सलियों का सफाया कर रहे हैं. उनकी सक्रियता और बेहतर रणनीति के कारण पहले की तुलना में अब कम नुकसान हो रहा है. सुरक्षा बलों का मनोबल ऊंचा है और वे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं.
कैजुअल्टी में आई कमी
मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले के मुकाबले अब जवानों और नागरिकों की जानमाल की हानि में कमी आई है. इसका श्रेय राज्य और केंद्र सरकार के बेहतर समन्वय और सुरक्षा बलों की प्रभावी रणनीति को दिया जा सकता है.
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास पर जोर
सरकार न केवल नक्सलवाद से निपटने पर ध्यान दे रही है, बल्कि इन क्षेत्रों में विकास कार्यों को भी तेज कर रही है. सड़कें बन रही हैं, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हो रहा है, और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. ये सभी कदम नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी समाधान की ओर बढ़ने में मदद कर रहे हैं.